तेलंगाना (हैदराबाद)। चॉक पाउडर भरकर नकली टेबलेट बनाने का मामला प्रकाश में आया है। मौके से 44.3 लाख रुपये का स्टॉक जब्त कर लिया गया। यह कार्रवाई ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन, हैदराबाद के कमिश्नर टास्क फोर्स और मलकपेट पुलिस ने की।

टीम ने नकली दवाओं के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े एक अवैध इंटर-स्टेट नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस ऑपरेशन का फोकस उत्तराखंड स्थित नेक्टर हब्र्स एंड ड्रग्स कंपनी पर था, जो कथित तौर पर कई राज्यों में अवैध दवा गतिविधियों में शामिल है।

चॉक पाउडर से भरी डमी गोलियां

नेक्टर हब्र्स एंड ड्रग्स पर किए गए जॉइंट ऑपरेशन में जीएसके, अल्केम, एरिस्ट्रो और सिप्ला जैसे बड़े ब्रांड्स की नकली दवाइयां बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी का पर्दाफाश हुआ है। इस ऑपरेशन में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री में चॉक पाउडर से भरी डमी गोलियां बनाई जा रही थीं। अधिकारियों ने एंटीबायोटिक ओमनीसेफ-ओ की 38000 से ज्यादा नकली गोलियों और अन्य सामग्रियों के साथ लगभग 60 किलोग्राम ऑरेंज कलर की गोलियों सहित कुल 44.3 लाख रुपए कीमत का स्टॉक जब्त किया।

नकली रेमडेसिविर बनाने में भी शामिल थी कंपनी

बताया गया है कि नेक्टर हब्र्स और ड्रग्स नकली रेमडेसिविर के निर्माण में भी शामिल रही थी। जांच में पता चला कि आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के 51 सैंपल गुणवत्ता परीक्षण में फेल मिले । इसके अलावा सन फार्मा और ग्लेनमार्क जैसी कंपनियों के नामों के तहत गलत तरीके से लेबल की गई दवाओं की बात सामने आई थी।

गौरतलब है कि पिछले दो सालों में कफ सिरप और आंखों की दवाओं की घटिया दवाई के मामले सामने आने पर सरकार अब नियमों के प्रति सख्ती बरत रही है। सालभर में 64 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए गए हैं। वहीं, 17 दवा परीक्षण प्रयोगशालाओं को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, कफ सिरप मैन्युफैक्चरर्स को शिपिंग से पहले सरकारी प्रयोगशाला परीक्षण से गुजरने के लिए निर्यात मानदंड सख्त कर दिए हैं।