मध्यप्रदेश के जबलपुर में नशीले इंजेक्शन बेचने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों में से एक इंजेक्शन की डिलीवरी करने वाला था और दूसरा इंजेक्शन का सप्लायर था। पुलिस ने दोनों के कब्जे से  184 नशे के इंजेक्शन, 105 सिरिंज और बिक्री के तीन हजार 80 के साथ एक बाइक भी जब्त की।

इस मामले की जांच करने पर सामने आया कि  राजू विश्वकर्मा का भाई महेश विश्वकर्मा इस पूरे रैकेट का सरगना है। वह लम्बे समय से पुलिस को महेश साहू बनकर गुमराह कर रहा है, जबकि उसका असली नाम महेश विश्वकर्मा है। वह कई मामलों में फरार है और उस पर इनाम भी है।

ओमती थाना प्रभारी वीरेन्द्र सिंह पवार ने बताया कि उनकी टीम को जानकारी मिली थी कि  एक युवक चंदन वन के पास नशे के इंजेक्शनों की डिलीवरी करने के लिए पहुंचा है। यह पता चलते ही टीम वहां पहुंची। टीम ने बाइक एमपी 20 एमयू 4854 में खड़े युवक को पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना नाम करियापाथर मरघटाई निवासी अक्षय राजपूत उर्फ शिवम बताया। पुलिस ने उसके पास मौजूद बैग की जांच की, तो उसमें नशे के 184 इंजेक्शन और 105 सीरींज मिली।

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अक्षय ने पुलिस को बताया कि वह इंजेक्शन उसने मरघटाई के पास ही रहने वाले रवि तिवारी से खरीदे हैं। पुलिस ने रवि को पकड़ा। पहले रवि ने पुलिस को गुमराह किया, लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद पूरी जानकारी दी। उसने बताया कि वह उसने नशे के इंजेक्शन महेश साहू से लाया था। चलने पर पुलिस ने रवि के घर की तलाश की, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। मामले में पुलिस ने महेश को भी आरोपी बनाया है।

इससे पहले इसी साल जुलाई के महीने में नीरज परियानी और उसके साथी लालमाटी निवासी राजू विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास 38 लाख रुपए के 62 हजार नशीले इंजेक्शन बरामद हुए थे।  राजू पूरे शहर में नशीले इंजेक्शनों की डिलीवरी करता था। फिलहाल दोनों जेल में बंद हैं।