जयपुर। जयपुर में ड्रग विभाग ने फर्जी फर्म से फर्जी बिल पर कैंसर में काम आने वाला साढ़े तीन लाख रुपए (एक की कीमत) का इंजेक्शन जब्त किया है। ऐसे में आशंका है कि बड़े पैमाने पर नकली इंजेक्शन बाजार में होने की आशंका बढ़ गई है। कंपनी एक इंजेक्शन की खरीद पर एक फ्री इंजेक्शन देती थी।

गड़बड़ी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मेडीहब, वीके एंटरप्राइजेज एंड सुनीता मेडिकल एंड प्रोविजन स्टोर के पास रिटेल में दवा बेचान का लाइसेंस ही नहीं था, फिर भी लोगों को सीधे इंजेक्शन बेचे जा रहे थे। विभाग ने फर्म का थोक सेल का लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया है।

सहायक औषधि नियंत्रक दिवाकर पटेल ने बताया जयपुर स्थित मेडीहब, वीके एंटरप्राइजेज एंड सुनीता मेडिकल एंड प्रोविजन स्टोर में कैंसर काम में आने वाली केट्रयूडा इंजेक्शन मरीजों को साढ़े तीन लाख रुपए में बेचा जा रहा था। फर्म के पास इंजेक्शन बेचने का लाइसेंस ही नहीं था। जांच में दिल्ली की एक फर्म का बिल दिया गया और भी नकली था।

फर्म द्वारा इसी दवाई के अन्य खरीद बिल भी दिए गए जो कि वीके एंटरप्राइजेज और सुनीता मेडिकल एंड प्रोविजन स्टोर जयपुर द्वारा जारी किए गए थे और दवाई की पैकिंग से भी छेड़छाड़ की गई है।

अभी इन सवालों के जवाब जो अभी नहीं मिले हैं
Q. फर्म ने अब तक कितने नकली इंजेक्शन बेचे, किन-किन मरीजों को बेचे?
Q. कितने सालों से यह काम कर रही है? कौन-कौन सी दवाएं बेच चुकी है?
Q. कितने लाख रुपए के इंजेक्शन संबंधित फर्म से जब्त किए गए हैं?
Q. माल कहां से आता है और पूरा नेटवर्क कैसे संचालित किया जाता है?