मुंबई। ज़ायडस और डॉ. रेड्डीज़ ने मिलकर स्तन कैंसर की दवा बेचने की घोषणा की है। इसके लिए दोनों कंपनियों ने दवा पर्टुज़ुमैब बायोसिमिलर की बिक्री के लिए लाइसेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
फार्मास्युटिकल कंपनियों ज़ाइडस लाइफसाइंसेज और डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने भारत में पर्टुजुमैब बायोसिमिलर के सह-विपणन के लिए लाइसेंसिंग समझौते की घोषणा की। दोनों कंपनियों ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि पर्टुजुमैब एचईआर2 पॉजिटिव स्तन कैंसर रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण इलाज है। इस बायोसिमिलर को जायडस रिसर्च सेंटर (जेडआरसी) की शोध टीम ने विकसित किया है।
अलग-अलग ब्रांड नाम से बेचेंगी दवा
गौरतलब है कि इस सौदे के तहत डॉ. रेड्डीज को भारत में इस उत्पाद की संयुक्त बिक्री के लिए ज़ाइडस से अर्ध-अनन्य अधिकार मिलेंगे। ज़ाइडस इस उत्पाद का विपणन सिग्रीमा ब्रांड नाम से करेगी, वहीं डॉ. रेड्डीज इसे वोमब ब्रांड नाम से बेचेगी। कंपनी की ओर से कहा गया है कि ज़ाइडस को अग्रिम लाइसेंसिंग आय प्राप्त होगी। वह पूर्व-निर्धारित लक्ष्यों की उपलब्धि के आधार पर माइलस्टोन आय प्राप्त करने के लिए पात्र होगी।
ज़ाइडस लाइफसाइंसेज के प्रवक्ता ने कहा कि इस महत्वपूर्ण दवा के लॉन्च के साथ हम तीनों आवश्यक दवाएँ, सिग्रीमा, पर्टुजुमाब बायोसिमिलर, विवित्रा, सबसे ज़्यादा बिकने वाली ट्रैस्टुजुमाब बायोसिमिलर और उजवीरा- ट्रैस्टुजुमाब एमटैन्सिन की दुनिया की पहली एंटीबॉडी ड्रग कंजुगेट बायोसिमिलर पेश करेंगे। इस दवा के साथ डॉ रेड्डीज भारत में स्तन कैंसर रोगियों को पूर्ण मानक देखभाल प्रदान करने में सक्षम हो जाएगा।
दोनों कंपनियों में समझौते से खुशी
डॉ. रेड्डीज का कहना है कि हमें भारत में मरीजों के लिए इस ब्रेस्ट कैंसर की दवा को उपलब्ध कराने के लिए ज़ाइडस के साथ सहयोग करने में खुशी हो रही है। पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को कीमोथेरेपी के साथ-साथ ट्रैस्टुजुमाब और पर्टुजुमाब के संयोजन की आवश्यकता होती है। इसके लिए पहले से ही बायोसिमिलर ट्रैस्टुजुमाब (हर्विक्टा) मौजूद हैं।