बांसवाड़ा (राजस्थान)। निशुल्क दवा योजना में प्रदेश भले ही देश में अव्वल रहा हो, लेकिन इस योजना के तहत दी जाने वाली 400 गोलियां मानक स्तर पर फेल हो गई हैं। इन दवाओं को खुद विभाग की ओर से की गई जांच में फेल पाया गया है। इसके बाद इसकी सप्लाई बंद कर दी गई। ये आंकड़ा महज एक वर्ष का है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति ने आरटीआई लगाकर अमानक पाई गई दवाइयों के बारे में जानकारी मांगी। राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2018-19 में राज्य में मरीजों की मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत वितरण के लिए दी गई दवाओं में से 398 दवाएं नॉट ऑफ स्टेंडर्ड क्वालिटी यानि अमानक पाई गई हैं। यह वह दवाएं हैं, जिनकी गुणवत्ता की जांच विभाग की ओर से की गई। इन दवाओं में एंटीबायोटिक दवाओं से लेकर बुखार और हृदय रोग आदि में काम आने वाली दवाइयां हैं। इन दवाओं को जिले में भेजने और उसको वापस भेजने पर भी लाखों रुपए खर्च हुए हैं। बांसवाड़ा में करीब 13 दवाएं वर्ष 2018-19 में ऐसी भेजी गई थी, जो मानक स्तर पर खरी नहीं उतर पाई है।