नई दिल्ली। जांच में फेमस दवाइयां नकली पाई गई हैं। दिल्ली की चार और झारखंड की एक फार्मेसियों में बेची जा रही आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली पांच दवाओं के सैंपल अप्रैल माह में लिए गए थे। नियामक अधिकारियों के निरीक्षण में ये सैंपल नकली मिले हैं। सीडीएससीओ ने इस संबंध में ड्रग अलर्ट जारी किया है।
ये दवाइयां मिली नकली
गौरतलब है कि केंद्रीय औषधि प्राधिकरण मासिक आधार पर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से नकली दवाओं पर डेटा एकत्र करता है। सीडीएससीओ के अनुसार दिल्ली में नकली पाई गई दवाओं में एचआईवी उपचार में इस्तेमाल होने वाली इंस्टाग्रा टैबलेट, रक्तचाप कम करने वाली दवा (टेल्मिसर्टन 40 मिलीग्राम और एम्लोडिपाइन 5 मिलीग्राम टैबलेट) के नाम शमिल हैं।
इनके अलावा, माइग्रेन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा (डोम्पेरिडोन और नेप्रोक्सन सोडियम टैबलेट) और एंटीबायोटिक रिफैक्सिमिन भी शामिल रही हैं।
निर्धारित प्रारूप में डेटा जमा करने में विफल रहा यूपी
झारखंड में एक अन्य एंटीबायोटिक, लैक्टिक एसिड बैसिलस के साथ सेफिक्सिम ट्राइहाइड्रेट का सैंपल संबंधित राज्यों के निर्माता और राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा किए गए भौतिक तुलना और विश्लेषणात्मक परीक्षणों के आधार पर नकली मिला था। मिजोरम और त्रिपुरा, पांडिचेरी के राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने कहा कि उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में नकली दवाएं नहीं मिलीं। सीडीएससीओ के अनुसार यूपी निर्धारित प्रारूप में डेटा जमा करने में विफल रहा।
इन राज्यों ने भी जमा नहीं करवाया डेटा
आंध्र, अरुणाचल, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, बंगाल, अंडमान के राज्य दवा लाइसेंसिंग प्राधिकरण सीडीएससीओ ने कहा कि निकोबार, दादरा नगर और हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप ने अप्रैल महीने के लिए नकली दवा चेतावनी के संबंध में कोई डेटा जमा नहीं किया है।