सफल आप्रेशन के बावजूद दिल्ली के अस्पताल में टूट गई सांस
चंडीगढ़

क्रोनिक  किडनी डिजीज से पीडि़त दस वर्षीय गिरीश जिंदगी की जंग हार गया। दिल्ली के एक अस्पताल में गिरीश की मौत हो गई। गिरीश की अंतिम इच्छा के अनुसार राजस्थान पुलिस ने पिछले साल उसे एक दिन के लिए पुलिस कमीश्नर बनाया था।
क्रोनिक किडनी डिजीज से जूझ रहे बच्चे गिरीश का सफल इलाज गुडग़ांंव के मेदांता मेडिसिटी में हुआ था। गिरिश के माता-पिता के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन मीडिया में इसकी बीमारी का मुद्दा उठाया गया तो मदद के लिए काफी लोग आगे आ गए। इसके बाद ही गिरीश का इलाज हो सका। मगर अब वह मौत का शिकार हो गया।
एक दिन के लिए बना था पुलिस कमिश्नर…
राजस्थान की संस्था मेक-ए-विश ने गिरीश की पुलिस कमिश्नर बनने की ख्वाहिश को पूरा करवाया था। राजस्थान के अस्पताल में दाखिल गिरीश को इस संस्था ने पुलिस के साथ मिलकर पिछले साल एक मई को एक दिन का पुलिस कमिश्नर बनवाया था। गिरीश के पिता जगदीश ने बताया कि गिरीश की बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने की इच्छा थी। वह पढ़ाई में होशियार है और तीसरी कक्षा में पढ़ता है। गौरतलब है कि इस बालक की दोनों किडनी खराब थी।
सिरसा के पूर्व विधायक एवं हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने गिरीश के इलाज हेतु 13 लाख रुपए की मदद करके इलाज करवाया था। गिरीश के पिता जगदीश शर्मा ने बताया कि उसके बच्चे का सफल इलाज हो गया था। मगर अब पिछले कुछ दिनों से किडनी में दोबारा प्राब्लम दोबारा हो गई। उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कररवाया गया था। जहां उसका निधन हो गया।