अचानक से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से हुई मौत के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उन लोगों को ज्यादा मेहनत ना करने की सलाह दी है जिन्हें गंभीर कोविड हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री ने ICMR की एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि जिन्हें गंभीर रुप से कोविड हुआ था वैसे लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बचाव करने के लिए 1-2 साल तक ज्यादा शारीरिक मेहनत ना करें।
हाल के दिनों में सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें लोगों को, जिनमें से कई युवा हैं, नाचते या गाते हुए या टहलने के दौरान अचानक गिरते और मरते हुए दिखाया गया है। गुजरात में अपने पैतृक जिले भावनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आईसीएमआर – भारत की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान एजेंसी – ने अचानक अस्पष्टीकृत मौतों के साथ संभावित कोविड को लेकर एक विस्तृत शोध किया और सलाह दी है जो लोग गंभीर कोविड संक्रमण से उबर चुके हैं उन्हें अतिरिक्त श्रम से बचना चाहिए। मंडाविया ने कहा, “ऐसे लोगों को एक निर्दिष्ट छोटी अवधि, यानी एक या दो साल के लिए निरंतर श्रम, कड़ी दौड़, व्यायाम आदि से दूर रहना चाहिए।”
ये भी पढ़ें- कोडीन-आधारित कफ सिरप की ऑनलाइन बिक्री के लिए फार्मासिस्ट, डिलीवरी मैन गिरफ्तार
राजधानी दिल्ली स्थित राजीव गांधी कैंसर हॉस्पिटल (Rajiv Gandhi Cancer Hospital) में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अजित कुमार (Dr Ajit Kumar) ने कहा कि ये देखा गया है कि कोरोना महामारी के बाद से ही हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। मरीजों की जांच से ये स्पष्ट हो गया था कि कोरोना वायरस के कारण हार्ट की आर्टरीज में ब्लड क्लॉट बन गए थे। इन क्लॉट्स की वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी हो रही थी और इसके चलते हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे थे। क्लॉट बनने की एक बड़ी वजह कोरोना का साइड इफेक्ट है। चिंता की बात ये है कि इसमें उम्र मायने नहीं रखती। हर उम्र के लोग इस साइड इफेक्ट से जूझते दिखे हैं। कोई व्यक्ति, जो बाहर से दिखने में फिट नजर आ रहा हो, उसकी हार्ट की नसों में भी ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है।