बलिया। जिला अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बता दें कि इंजेक्शन लगाते ही बच्चे की मौत हो गयी। गौरतलब है कि इस तरफ का ये कोई पहला मामला नहीं है। ऐसे कई मामले उजागर हुए थे जिसमे डॉक्टरो की साफ लापरवाही देखी जा सकती है। दरअसल जिला अस्पताल में 10 साल के बच्चे की इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई। इस घटना से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। अचानक हुई घटना से बच्चे के माता-पिता सदमे में हैं। इस मामले पर सीएमएस ने कहा कि घटना की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
जनपद के बैरिया थाना क्षेत्र के दयाछपरा गांव के रहने वाले मृत बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि 3 दिन पहले बच्चे को गिरने की वजह से पैर में चोट लगी थी। इसका इलाज कराने जिला अस्पताल आए थे, जहां बच्चे के पैर का प्लास्टर किया गया था। प्लास्टर के बाद बच्चे को पैर में खुजली होने लगी तो परिजन दोबारा जिला अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्चे की तमाम जांच कराई। बच्चे के प्लास्टर को काटा गया, जिसके बाद परिजनों को बाहर से दवा लाने को कहा गया। लगभग आठ सौ रुपये की दवा अस्पताल के बाहर से मंगाई गई।
इसी दौरान जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत इंजेक्शन लगाने के बाद हुई। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीपी सिंह ने कहा कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही मौत के कारण का पता चल पाएगा।