खंडवा (मध्य प्रदेश)। जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां एसएनसीयू में डॉक्टरों ने दो गर्भवती महिलाओं का एक जैसा नाम होने पर भारी लापरवाही कर दी। गलती से मृत नवजात की मां को स्वस्थ नवजात देकर डिस्चार्ज कर दिया। वहीं, स्वस्थ नवजात के परिजनों ने नाराजगी दिखाई तो मामले का खुलासा हो पाया। डॉक्टरों ने गांव से परिजनों को बुलाकर बच्चा स्वस्थ मां को सौंप दिया है।
ऐसे हुई गड़बड़ी
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के प्रसूति विभाग में 14 फरवरी को शास्त्री नगर निवासी मनीषा पति विजय वर्मा डिलीवरी के लिए दाखिल हुई थी। सुबह के समय मनीषा ने नॉर्मल डिलीवरी से 3 किलोग्राम वजन के स्वास्थ्य बालक को जन्म दिया। उसी रात सालाई गांव निवासी मनीषा पति विजय चौहान ने घर पर 1.28 किलोग्राम के बच्चे को जन्म दिया था। जिसे रात 2 बजे परिजनों ने अस्पताल के एसएनसीयू में इलाज के लिए भर्ती करवाया था।
15 फरवरी से जब भी स्टाफ मनीषा पति विजय के नाम की आवाज दी जाती है तो बी ब्लॉक में एसएनसीयू के पास मदर वार्ड में भर्ती मनीषा चौहान उठकर आती है। वहीं एसएनसीयू से दूर ए ब्लॉक के वार्ड नंबर 3 में मनीषा वर्मा डिलीवरी के बाद से भर्ती थी।
गलती से बच्चों की हो गई अदला-बदली
शनिवार दोपहर मनीषा चौहान को स्टाफ ने एसएनसीयू से बच्चों को छुट्टी कर बच्चा सौंप दिया था। वहीं, शाम को जब डॉक्टर ने मनीषा वर्मा और परिजनों को बच्चे की हालत खराब होने की जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि हमारा बच्चा अस्वस्थ हो ही नहीं सकता। वह जन्म से ही स्वस्थ और उसका वजन 2.900 किलो से अधिक था।
परिजन ने जब बच्चे का वजन बताया तो डॉक्टर और स्टाफ ने रिकॉर्ड देखने के बाद अपनी गलती मानी। इसके बाद पुलिस की मदद से नवजात को गलत परिजन के घर से लाकर उसके असली माता-पिता को सौंपा। वहीं, अपने बचाव के लिए डॉक्टर स्टाफ ने दोनों बच्चों का सिंपल डीएनए जांच के लिए स्टोर कर लिया है।