नई दिल्ली : औषधि निर्माता कंपनी फाइजर ने अपनी प्रायोगिक कोविड-19 दवा को अन्य उत्पादकों को बनाने की अनुमति देने के लिए संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक समूह से करार किया है. इस कदम के बाद उक्त दवा दुनिया की आधी आबादी के लिए उपलब्ध हो सकती है.
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि फाइजर की दवा को अन्यत्र मंजूरी मिलने से, पहले ही इस समझौते के होने से महामारी से जल्दी निजात पाई जा सकती है.
एक बयान में फाइजर ने कहा कि वह वायरस रोधी दवा के लिए जिनेवा स्थित ‘मेडिसिन्स पेटेंट पूल’ को लाइसेंस देगी जो ‘जेनरिक’ औषधि निर्माता कंपनियों को दवा का उत्पादन करने देगा. इससे विश्व के 95 देशों में इस दवा का इस्तेमाल हो सकेगा जहां दुनिया की लगभग 53 प्रतिशत आबादी रहती है.
इस करार में कुछ बड़े देशों को शामिल नहीं किया गया है, जहां कोरोना वायरस जनित महामारी का बेहद बुरा असर पड़ा है.
‘मेडिसिन्स पेटेंट पूल’ के नीति प्रमुख एस्तेबान बुरोन ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि हम चार अरब से ज्यादा लोगों को ऐसी दवा उपलब्ध कराएंगे जो प्रभावी जान पड़ती है और अभी इसका विकास किया गया है.