भोपाल। मध्य प्रदेश में 42 क्लीनिक सील किए गए, क्योंकि यहां झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर रहे थे। जिला प्रशासन ने पहली बार झोलाछाप डॉक्टरों पर इतनी बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल जिन क्लिनिकों को सील किया गया उनके संचालकों ने अपनी डिग्री भी नहीं लिखी हुई थी। सभी ने अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखा हुआ है। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जो घनी बस्तियों में अपने क्लिनिक चला रहे थे। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 780 रजिस्टर्ड डॉक्टर्स की लिस्ट दी गई थी। इसके बाद सभी एसडीएम, तहसीलदारों व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने ऐसे क्लिनिकों को चिन्हित किया जो इस लिस्ट में शामिल नहीं थे। बतादे कि भानपुर के शिवनगर में सेन क्लीनिक को आठवीं पास युवक संतोष संचालित कर रहा था। दरअसल कलेक्टर, अविनाश लवानिया ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जिनके क्लीनिक सील किए गए हैं वे झोलाछाप हैं। फर्जी हैं और एलोपैथी इलाज के लिए अधिकृत नहीं हैं। इनके क्लीनिक सील कर दिए गए हैं। संबंधितों के दस्तावेजों की जांच भी होगी। इसके बाद कानूनन कार्रवाई की जाएगी। तो वहीं एसडीएम मनोज वर्मा ने बताया कि उसके पास कोई डिग्री नहीं मिली। छोला नगर चांदबाड़ी के बालाजी विकास क्लीनिक को दो साल से राहुल लोधी नामक व्यक्ति संचालित कर रहा था। यहां एलोपैथी दवाएं, इंजेक्शन, आयुर्वेदिक दवाएं बरामद की गईं। तूमड़ा में बंगाली डाॅक्टर पर कार्रवाई की गई। इसके पास कोई डिग्री नहीं मिली। हुजूर क्षेत्र में आठ डॉक्टर्स पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा खजूरीकलां, शाहजहांनाबाद, गांधीनगर आदि क्षेत्राें में भी झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई।