उत्तर प्रदेश के करीब 190 डॉक्टर ट्रांसफर कैंसिल होने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें जूनियर नहीं सीनियर भी है यह करीब 4 माह से अस्पताल में कार्य के बजाय अपने घर पर बैठे हुए हैं।
कोई बीमारी का हवाला दे रहा है तो, कोई दांपत्य नीति का डॉक्टरों और विभागीय अफसरों की खींचतान से मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल में मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी किसी से छुपी नहीं है।
प्रदेश में करीब 12 हजार डॉक्टर है इसमें जूनियर ही नहीं सीनियर डॉक्टर भी है। यह करीब 4 माह से अपने घर बैठकर कोई बीमारी का हवाला दे रहा है।
जून में करीब 24 डॉक्टरों को ट्रांसफर किया गया था इसे लेकर बवाल हुआ था और गड़बड़ी की सूचना पर अलग-अलग कमेटियां बनाई गई थी। इसके साथ ही शामिल चिकित्साधिकारी के खिलाफ जांच बैठाई गई है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।