कानपुर। डायबिटीज से पीडि़त रोगियों को हार्टअटैक से बचाने के लिए नई दवा बेहद कारगर साबित होगी। यह दवा बीपी और कोलेस्ट्राल पर भी काम करेगी। अभी तक ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जो डायबिटीज रोगियों को हार्टअटैक के रिस्क से बचाए। एफडीए के साथ-साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की इथिकल कमेटी ने भी इस रिसर्च को हरी झंडी दे दी है। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है और साइड इफेक्ट भी कम है। ट्रायल के तौर पर दी जाने वाली दवा उन मरीजों के लिए होगी जो अनियंत्रित ब्लड शुगर, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्राल से पीडि़त हैं। यह देखा जाएगा कि दवा के प्रयोग से हार्टअटैक की संभावना कितनी कम हुई है। अभी तक इस तरह की दवा मरीजों को उपलब्ध नहीं है। दवा शरीर में बिल्कुल नए तरीके से काम करेगी। यह पैंक्रियाज के साथ-साथ कोशिका के पावर हाउस (माइटोकांड्रिया) पर काम करेगा। डॉ. सौरभ अग्रवाल का कहना है कि कोलेस्ट्राल और हाई बीपी की दवा भी लोगों को खानी होगी। अभी तक गिलम्प्राइड एमाइरिल, गिलिम्प्राइड-पियोग्लिटाजोन,ग्प्रिरराइड रोजग्लिेटाजोन, ग्लिक्लिाजाइड, ग्लिपिज़ाइड (ग्लूकोट्रॉल), ग्लिपिज़ाइड-मेटफ़ॉर्मिन (मेटाग्लिप), ग्लाइकार्बाइड (डायबाटा, ग्लीनेज, माइक्रोनस), ग्लाइकार्बाइड-मेटफॉर्मिन, ग्लूकोवेंस यह दवा अभी तक अधिकतर मरीजों को दी जा रही है। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि डायबिटीज के जिन मरीजों को हाई बीपी और उच्च स्तर का कोलेस्ट्राल होता है, उनमें हार्टअटैक के रिस्क अधिक होते हैं। उनमें साइलेंट अटैक की संभावना अधिक होती है। ऐसे मरीजों में यह दवा कारगर साबित होगा। पांच साल की डायबिटीज में लोगों को इससे होने वाली दूसरी दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। अगर डायबिटीज अनियंत्रित है तो ऐसे रोगियों को हार्टअटैक और दूसरे खतरे पांच गुना अधिक हो जाते हैं। एफडीए टाइप-2 मधुमेह के उपचार के लिए दो नई दवाओं को मंजूरी दी है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्टे्रेशन ने टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यस्कों का इलाज करने में मदद करने को नए मॉलीक्यूल को मंजूरी देने की घोषणा की है। यह दवा टेबलेट के रूप में होगी। इन दो दवाओं में एक दवा पर कानपुर में ट्रायल होगा। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के संयोजन में यह दवा काफी बड़े पैमाने पर प्रयोग होगी।  यह दवा डायबिटीज की मात्रा को संतुलित करने के साथ रक्त धमनियों पर भी असर करेगी। तंत्रिका और गुर्दे की क्षति और नेत्र रोगों से जुड़ी समस्याओं को भी दूर कर सकने में सक्षम होगा। अगर किसी को प्यास अचानक बढऩे लगे। लगातार पेशाब आए, अत्यधिक भूख, वजन घटने लगे, पेशाब में कीटोन्स की उपस्थिति, थकान, चिड़चिड़ापन, धुंधली दृष्टि, घाव का समय से नहीं ठीक होना, बार-बार संक्रमण जैसे मसूड़ों या त्वचा में संक्रमण, सिर चकराए, अधिक पसीना आए तो सतर्क हो जाएं। डायबिटीज की जांच कराएं। साथ ही वह भी जांच कराएं जिसमें तीन महीने पूर्व डायबिटीज की स्थिति का पता चल सकता है।