नई दिल्ली। डायबिटीज की नई दवा को पार्किंसन रोग में भी कारगर होने का दवा किया गया है। स्टडी द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में इस बात का दावा किया गया है। बता दें कि डायबिटीज के मरीजों में पार्किंसंस के भी लक्षण दिखते हैं। पार्किंसंस एक प्रकार का मेंटल डिसआर्डर है।
इसका खतरा डायबिटीज से जूझ रहे लोगों में बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में डायबिटीज की दवा लिक्ससीनाटाइड पार्किंसंस रोग से पीडि़त लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
स्टडी के अनुसार 156 लोगों को इसमें शामिल किया गया। इन्हें पार्किंसंस के शुरुआती लक्षण या मध्यम लक्षण थे। ये मरीज पहले से ही पार्किंसंस की दवाइयां ले रहे थे। इनमें से करीब आधी संख्या में लोगों को एक साल तक लिक्ससीनाटाइड दवा दी गई।
वहीं, अन्य मरीजों को दिखाने के लिए बनाई गई नॉर्मल दवा (प्लेसीबो) दी गई। एक साल बाद जिन लोगों को असली दवा नहीं दी गई, उनकी हालत बिगड़ी हुई मिली। वहीं, लिक्ससीनाटाइड दवा लेने वालों के लक्षणों में काफी सुधार देखने को मिला।
हालांकि, रिसर्च करने वालों का कहना है कि दवा लिक्ससीनाटाइड के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं। इस दवा को लेने वाले लगभग 46 प्रतिशत लोगों को मिचली आई। करीब 13 प्रतिशत लोगों को उल्टी भी हुई। रिसर्च करने वालों का कहना है कि ये दवा अभी दूसरे चरण के परीक्षण में है। वैज्ञानिक आगे और बड़े स्तर पर रिसर्च में लगे हुए हैं।