सीकर (राजस्थान)। बाजार में नकली दवा की सप्लाई रोकने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। इसके लिए औषधि नियंत्रण अधिकारियों के अधिकार बढ़ा दिए गए हैं। नए आदेशों के तहत उन्हें दवा दुकान निरीक्षण के लिए निदेशालय से इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी। एक माह में 20 दुकानों की जांच के अधिकार दिए गए हैं। औषधि नियंत्रण अधिकारी मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में भी सैंपल दवा की जांच करा सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग के उपशासन सचिव ने इस संबंध में आदेश निकाले हैं। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता ने मई माह में आदेश जारी कर औषधि नियंत्रण अधिकारियों की पॉवर घटा दी थी।
स्वास्थ्य निदेशालय की परमिशन बिना निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया था। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में सप्लाई होने वाली दवा के सैंपल नहीं भरने के निर्देश दिए थे। साथ ही, दुकान में फार्मासिस्ट की मौजूदगी होने पर निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया था। प्रमुख शासन सचिव के निर्देश के चलते दवा व्यापारियों की मनमर्जी बढ़ती गई। दवा बिक्री बिलों के रिकॉर्ड में हेरफेर की जाने लगी। एनडीपीएस अनुसूची-एच और अनुसूची-एच 1 के नियमों की अनदेखी की जाने लगी है। दवा व्यापारियों पर औषधि नियंत्रक विभाग का नियंत्रण घट गया। बाजार में नकली दवा की खपत बढऩे लगी। इसके चलते विभाग ने नियमों में फेरबदल कर दिया। नियमों की पालना सुनिश्चित करने और एंटी टीबी औषधियों का रिकार्ड संधारित कराने के उद्देश्य से आदेश जारी किए हैं।औषधि नियंत्रण अधिकारी मनोज गढ़वाल ने बताया कि नियमों में फेरबदल होने के कारण विभाग का दवा व्यापारियों का नियंत्रण बढ़ेगा। नकली और अवमानक दवा की सप्लाई रोकने में मदद मिलेगी।