नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में मलेरिया विभाग के तहत काम करने वाले अस्थाई डीबीसी (डेंगू ब्रीड चेकर) एकजुट हो गए हैं। रेगुलर करने की मांग को लेकर एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन ने 16 जनवरी को सिविक सेंटर पर प्रदर्शन करने और इसके बाद भूख हड़ताल पर बैठने का निर्णय लिया है। यूनियन के अध्यक्ष बुधराम और महामंत्री मदनपाल ने बताया कि डीबीसी कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। उनके ऊपर दिल्ली को घातक बीमारियों डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से बचाने की जिम्मेदारी है, लेकिन 20 साल से वे अस्थायी तौर पर काम कर रहे हैं। दिल्ली के तीनों निगमों में 3500 डीबीसी हैं। उन्हें महज 10 हजार वेतन पर रखा गया है। इसमें से भी 1200 रुपये पीएफ के कट जाते हैं, लेकिन पीएफ के पैसे की कोई जानकारी या कागजात उनके पास नहीं है। उन्हें मात्र 8800 रुपये मिलते हैं। इतने कम वेतन में वे गुजारा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए रेगुलर करने की मांग को लेकर प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। इस संबंध में पूर्वी निगम की स्थायी समिति के चेयरमैन जितेंद्र चौधरी का कहना है कि डीबीसी को स्थायी करने की फाइल स्थायी समिति और पूर्वी निगम के सदन की ओर से पास कर दी गई है, ताकि उन्हें वरिष्ठता के आधार पर बारी-बारी से नियमित किया जा सके। अब यह फाइल विभाग के पास है। विभाग इस प्रक्रिया को पूरी कर रहा है। विभाग से फाइल आते ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।