बीकानेर। पीबीएम अस्पताल में कई कमीशनखोर डाक्टरों ने अपने घरों में दवा की दुकानें खोल रखी है, जो इनकी ऊपरी कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। इन दुकानों पर वही दवाइयां मिलती हैं, जिन्हें ये डॉक्टर खुद लिखते हैं। इनके अलावा अलावा अन्य दवाएं यहां नहीं मिलती। जो रोगी इन डॉक्टरों के घर अपनी बीमारी की जांच के लिए पहुंचता है, उसे घर के अन्दर बनी दुकान से ही दवाई लेनी पड़ती है, क्योंकि दूसरी दुकानों पर यह दवाएं मिलती ही नहीं।
घरों में दवा दुकानें खोलकर मोटी कमाई का यह खेल क्षेत्र में कई वर्षों से चल रहा है। कमीशनखोरी के इस फंडे से पीबीएम के सैकड़ों डाक्टर सीधे रूप से लाखों रुपयों की काली कमाई कर रहे है। इनके खिलाफ शिकंजा कसने का जिम्मा आयकर विभाग के पास है, मगर विभाग के अधिकारी भी इनके खिलाफ कार्रवाई के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
जागरूक युवा संघर्ष समिति के नवीन बिश्नोई एवं भागीरथ चौधरी ने घरों में दवा की दुकानें खोले बैठे इन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि कमीशनखोरी में लिप्त पीबीएम अस्पताल के ज्यादातर डाक्टरों ने अपने मकानों में दवा की दुकानें खोल रखी है। इन दुकानों में वही हाई ब्रांडेड दवाएं मिलती है जो कमीशनखोर डाक्टर्स अपनी पर्चियों में लिखते हैं। एक अनुमान के मुताबिक पीबीएम अस्पताल के अस्सी फीसदी सीनियर डाक्टरों ने मकानों में दवा की दुकानें खोलकर करोड़ों की कमाई का फण्डा अपना रखा है।