रायपुर। अंबेडकर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में डॉक्टर बिना ब्रेक के ड्यूटी देंगे। इससे यहां आने वाले गंभीर मरीजों को अपने तुरंत इलाज के लिए डाक्टरों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ट्रामा में पांच विभागों मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थोपीडिक्स, एनीस्थिसिया व रेडियो डायग्नोसिस के जूनियर डॉक्टरों की लगातार ड्यूटी लगाई गई है। ड्यूटी के दौरान ये डॉक्टर ट्रामा सेंटर में ही रहेंगे।

गौरतलब है कि अंबेडकर अस्पताल के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में अब तक डॉक्टरों की ऑन कॉल ड्यूटी लगाई जाती थी। अब ऑन द स्पॉट इमरजेंसी ड्यूटी लगाई गई है। सिस्टम में इस बदलाव का फायदा मरीजों को पहले दिन से ही मिलने लगा है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार नई व्यवस्था के तहत मेडिसन विभाग के जूडो की ड्यूटी 12-12 घंटे, सर्जरी, ऑर्थोपीडिक्स, एनीस्थिसिया व रेडियो डायग्नोसिस के जूडो की ड्यूटी 24-24 घंटे के लिए लगाई गई है। ड्यूटी के दौरान जूडो ट्रामा सेंटर नहीं छोड़ पाएंगे। दरअसल, कई बार गंभीर मरीज आने पर जूडो आपस में भिड़ जाते थे कि यह उनका केस नहीं है। जूडो की उलझन में गंभीर मरीज को इलाज मिलने में काफी देरी हो जाती थी।

ऐसा भी होता था कि ट्रामा में ड्यूटी कर रहे जूडो ऑपरेशन थिएटर व वार्ड में दूसरे काम की वजह से चले जाते थे। अब पांच विभागों के जूनियर डॉक्टरों की एक साथ ड्यूटी से यह उलझन खत्म हो जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि जूडो के अलावा ऑन कॉल ड्यूटी पर कंसल्टेंट डॉक्टर रहेंगे, यानी बुलाने पर अब वे आएंगे। अंबेडकर अस्पताल के डीएमई डॉ. एके चंद्राकर का कहना है कि गंभीर मरीजों को तत्काल इलाज देने के मकसद से ट्रामा सेंटर में इलाज का सिस्टम बदला है। हम चाहते हैं कि मरीज निजी अस्पताल में जाने के बारे में न सोचें।

गंभीर मरीजों का इलाज तत्काल कराने के मकसद से डीएमई डॉ. एके चंद्राकर ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इसमें एचओडी को शामिल किया गया था। कमेटी की अध्यक्ष एनीस्थिसिया की एचओडी डॉ. प्रतिभा जैन थी। अन्य सदस्यों में न्यूरो सर्जरी हेड डॉ. राजीव साहू, सर्जरी एचओडी डॉ. क्षिप्रा शर्मा, ऑर्थो के प्रोफेसर डॉ. विनीत जैन, रेडियो डायग्नोसिस के एचओडी डॉ. एसबीएस नेताम, मेडिसिन की प्रोफेसर डॉ. देवप्रिया लकड़ा व सहायक अधीक्षक डॉ. अलताफ हुसैन को शामिल किया गया था। कमेटी ने काफी मंथन के बाद इलाज के सिस्टम में बदलाव किया और इसमें सफलता भी दिखालाई देने लगी है।