रोहतक। रोहतक शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर अरूण नरूला को लाखों रूपए का चुना लगाने की फिराक में फरार आरोपी आखिरकार पकड़ा गया। रोहतक पुलिस ने धोखाधड़ी के इस मामले में भारत से फरार होकर विदेश (लंदन, ग्रेट ब्रिटेन) में रह रहे आरोपी को इंटरपोल की सहायता से प्रत्यर्पण करवाकर गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद इस आरोपी को 6 दिन के पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। सिविल रोड़, रोहतक स्थित नरुला सीटी स्कैन और रिसर्च सेंटर के संचालक डॉक्टर अरुण नरुला ने दिनांक 26.02.15 को एक शिकायत कार्यालय पुलिस अधीक्षक रोहतक में तजिन्द्र गिल व उनकी पत्नी सान्द्रा कोररया गिल के खिलाफ दर्ज कराई।

जांच में पाया गया कि लंदन (यूके) में रहने वाले तजिन्द्र गिल ने यूके में ही पैराडॉक्स कंसलटेंट के नाम से एक कंपनी खोल रखी है जो भारतीय नागरिकों को ब्याज पर पैसे देती है। तजिन्द्र गिल ने अपने साथी सरबजीत मलिक के माध्यम से डॉ. अरुण नरुला से संपर्क कर एम.आर.आई., सीटी स्कैन व अन्य मशीनों को बेचने बारे सौदा तय किया। मशीनों की कीमत करीब 5 करोड़ थी। पैराडॉक्स कंसलटेंट कंपनी के माध्यम से लोन लेकर मशीने खरीदी गई। जिसमें डॉ. अरुण नरुला को मासिक किश्ते अदा करनी थी तथा कस्टम क्लीयरेंस के 48 लाख रुपये पहले अदा करे थे।

तजिन्द्र गिल दो बार रोहतक आया, डॉ. अरुण नरुला से बातचीत करके सौदा तय करके गया है। जुलाई 2014 में तजिन्द्र गिल ने बताया कि 10 एम.आर.आई. व सीटी स्कैन मशीनें विदेश से मुम्बई में पहुँच चुकी है। डॉ. अरुण नरुला ने तय हुए सौदे अनुसार तजिन्द्र गिल के लुधियाना स्थित एच.डी.एफ.सी. बैंक के खाता में कुल 48लाख रुपये जाम करा दिए। उसके बाद कई दिनों तक तजिन्द्र गिल व उनके साथी बहाना बनाते रहे लेकिन मशीनों डॉ. अरुण नरुला के पास नही पहुँची। उसके बाद डॉ. अरुण नरुला को बताया गया कि तजिन्द्र गिल की पत्नी की सड़क हादसे में मौत हो गई है और तजिन्द्र गिल की 20-25 दिन कोमा मे रहने के बाद मौत हो गई। उसके बाद पैराडॉक्स कंपनी से उनकी ई-मेल के माध्यम से बातचीत हुई। पैराडॉक्स कंपनी के नए सीईओ जेम्स व एंड्रिया ने भी उनके पैसे वापस करने की बात को गंभीरता से नहीं लिया।

मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा अमल में लाई गई। प्रभारी आर्थिक अपराध शाखा उप.नि. सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि जांच के दौरान आरोपी तजिन्द्र गिल के खाते की जांच की गई। आरोपी का खाता बन्द पाया गया। आरोपी तजिन्द्र गिल द्वारा प्रयोग किए गए मोबाईल नंबरों, जी-मेल आई.डी. आदि की भी जांच की गई है। कंपनी की वैबसाईट भी बन्द पाई गई। दिल्ली स्थित इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से जांच करने पर पाया गया कि आरोपी दिनांक 03.07.16 को भारत से विदेश में गया था जो वापिस नहीं लौटा है। आरोपी तजिन्द्र गिल पुत्र हरभजन सिंह गिल निवासी पुणे (महाराष्ट्र) हाल में हाई स्ट्रीट बैम्बली सेंटर लंदन (यूके) में अपने परिवार सहित रहता है।

अदालत रोहतक से आरोपी तजिनद्र गिल के गिरफ्तारी वारंट जारी कराए गए। पुलिस महानिदेशक अपराध (हरियाणा), सीबीआई व इंटरपोल की सहायता से आरोपी तजिन्द्र गिल का रैड कार्नर नोटिस व लुट आउट सर्कुलर जारी करवाए गए। इंटरपोल की सहायता से आरोपी तजिन्द्र गिल को यूके (ग्रेट ब्रिटेन) से प्रत्यर्पण कर दिनांक18.11.17 को मुम्बई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक पुछताछ में सामने आया है कि आरोपी 2010 से लंदन (यूके) मे रह रहा है। आरोपी ने 2013 मे पैराडॉक्स कंसलटेंट कंपनी शुरु की है।

आरोपी ने अपने पत्नी व अन्य साथियों के साथ मिलकर भारत मे कई लोगों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पे है। आरोपी ब्याज पर पैसे देने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फसाता था। उसके बाद कागजी कार्यवाही या अन्य कामों के लिए पहले लोगो से अपने खातों में रकम जमा करवाते। फिर फरार हो जाते तथा संपर्क भी तोड़ देते। आरोपी से गहनता से पुछताछ जारी है। अब पुलिस मामले में शामिल अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करना का प्रयास कर रही है