ऋषिकेश। ड्रग कंट्रोलर ने ‘मिर्गी रोग विशेषज्ञ’ होने का दावा करने वाले नीरज क्लिनिक पर छापेमारी की। इस दौरान दवाइयों के साथ लाखों की संख्या में मनीआर्डर फॉर्म जब्त किए गए। छापे से क्लीनिक के कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया। छापेमारी के दौरान नीरज क्लीनिक का मुख्य डॉक्टर भागने में सफल हो गया। बता दें कि मिर्गी का शर्तिया इलाज करने का दावा करने वाले नीरज क्लिनिक के संचालक डॉ. नीरज गुप्ता अभी जमानत पर हैं। दरअसल खुद को डॉक्टर बताने वाले नीरज गुप्ता वैद्य हैं लेकिन सालों से मिर्गी के शर्तिया इलाज का दावा कर मरीजों को स्टेरॉयड्स दे रहे थे। कई शिकायतों के बाद उनके नीरज क्लीनिक पर वर्ष 2004 में छापेमारी की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। दो साल पहले ही वह जमानत पर छूटे हैं। बाहर आने के बाद नीरज गुप्ता ने ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर फिर से नीरज क्लीनिक के नाम पर मिर्गी का इलाज करना शुरू कर दिया है। इस बार उन्होंने कुछ बीएमएस और एमबीबीएस डॉक्टरों को नियुक्त किया था और इलाज क्लिनिक चलाना शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड ट्रस्ट कंट्रोलर के निर्देश पर अगस्त, 2019 में भी छापेमारी की गई थी, जिसके बाद यह तीसरी कार्रवाई है। छापेमारी के दौरान उत्तराखंड की ओर से ड्रग इंस्पेक्टर ऊधम सिंह नगर, सेंट्रल टीम के देवेंद्र कुमार और तथा दिलीप कुमार तहसीलदार रेखा आर्य, नीरज कुमार मौजूद रहे।