हिसार। ऋषि नगर स्थित शिव शक्ति मेडिकल हॉल संचालक सुरेंद्र द्वारा ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी पर लगाए रिश्वत मांगने और मारपीट करने के आरोप निराधार साबित हुए हैं। पुलिस ने एडीएसजे आरके जैन की अदालत के आदेश पर ड्रग कंट्रोलर के विरुद्ध केस दर्ज किया था। अदालत ने पुलिस की जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद टिप्पणी करते हुए लिखा कि शिकायतकर्ता ने इंटेंशली गलत केस दर्ज करवाया है। पुलिस जांच में आरोप साबित नहीं हुए हैं, जिसके चलते संबंधित थाना पुलिस को शिकायतकर्ता के विरुद्ध ही झूठा केस दर्ज करवाने के आरोप में आईपीसी की धारा 182 के तहत केस दर्ज करके इलाका मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस मामले में ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी का कहना है कि सच्चाई की जीत हुई है। मेडिकल स्टोर खोलकर गलत काम करने वालों के विरुद्ध विभाग के दिशा-निर्देशानुसार कार्रवाई जारी रहेगी। गौरतलब है कि ड्रग कंट्रोलर डॉ. सुरेश चौधरी ने बोगस ग्राहक भेजकर 20 सितंबर 2018 को ऋषि नगर स्थित शिव शक्ति मेडिकल हॉल पर छापा मारा था। आरोप लगाया था कि संचालक सुरेंद्र नशे के तौर पर दुरुपयोग होने वाली 150 रुपए का कफ सीरप 400 रुपए में बेच रहा था। इस दौरान स्टोर में जांच करने पर प्रतिबंधित ट्रामाडोल दवा समेत 11 और दवाइयां मिलीं थीं। उनका रिकॉर्ड संचालक नहीं दिखा पाया। ऐसे में टीम ने संचालक व फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दवाइयों को जब्त करके मेडिकल हॉल सील कर दिया था। ड्रग कंट्रोलर ने बताया था कि मेडिकल हॉल का लाइसेंस पहले से सस्पेंड था। इसके बावजूद उक्त अवैध गतिविधियां चल रहीं थी। डॉ. श्योराण ने मामले पर संज्ञान लेते हुए रेड पार्टी का गठन किया था। हालांकि केमिस्ट ने खुद अपने डिस्कलोजर में महंगे दाम पर दवा बेचने की बात स्वीकारी थी। इस प्रकरण के बाद केमिस्ट ने ड्रग्स कंट्रोलर पर मारपीट करने व रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे।