बद्दी (सोलन)। हिमाचल प्रदेश में बनी 15 दवाओं समेत देश भर की 44 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। एक दवा मिसब्रांड पाई गई है। फेल होने वाले सैंपल में शुगर, एंटीबायोटिक, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी, कोलेस्ट्रॉल, एलर्जी, मेंटल डिसऑर्डर व पशुओं के कीड़े मारने की दवा शामिल है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के जुलाई माह के ड्रग अलर्ट में इनके सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।

संगठन ने जुलाई माह में 1028 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिसमें 983 दवाएं मानकों पर खरी उतरीं जबकि 44 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। एक दवा मिसब्रांड पाई गई। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिया गया है। साथ ही बाजार से स्टॉक हटाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

बद्दी के थाना स्थित नेप्चून लाइफ साईंस की शुगर की दवा ड्रमेटफोर्ट, झाड़माजरी की कैल्शियम व विटामिन दवा, परवाणू की जी लेबोरेट्री की वैक्टीरियल इंफेक्शन की दवा लियोफ्लोक्सीन, बद्दी के जुड्डी गांव की आईबीएन हर्बल कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा अम्लोडीपाइन, कालाअंब की ओरिसन कंपनी की इंफेक्शन की दवा स्फिग्सजिम डिस्पर्सिबल, नालागढ़ के सैणी माजरा स्थित थ्योन फार्मा कंपनी की एंटीबायोटिक दवा लाइनेजॉलिड, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस की मेडोक्स कंपनी की एंटीबायोटिक कॉस्मिक ए जेड, झाड़माजरी की लाइफ विजन कंपनी की रेबेप्राजोल, मैहतपुर की स्विस गार्नियर कंपनी की कोलस्ट्रोल की दवा स्टेटिक्स-20, कालाअंब के मोगीनंद गांव की सनवेट फार्मा कंपनी का एंटीबायोटिक इंजेक्शन सिफोफ्रोजन, सिरमौर के ओगली की डिजिटल विजन कंपनी की मेंटल डिस्ऑर्डर की दवा, परवाणू की क्लेवस कंपनी की एलर्जी की दवा फेक्सोफेनाडाइन, परवाणू की ही मोरपिन लेबोरेट्री की कोलस्ट्रोल की दवा, पावंटा साहिब की सनलेस ड्रग की पशुओं के कीड़े मारने की दवा क्लोजनटल ओरल सोल्यूशन और कांगड़ा के संसारपुर टैरेस की सीएमजी बायोटेक कंपनी की उच्चरक्त चाप की दवा एनालाप्रिल के सैंपल फेल हुए हैं।