ग्वालियर। केंद्र से आई ड्रग विभाग की टीम ने शहर के उन ब्लड बैंकों की कुंडली खंगालना शुरू कर दी है, जिन ब्लड बैंकों पर अनियमितताएं मिली थीं। टीम दाल बाजार तिराहा स्थित श्री राधास्वामी ब्लड बैंक पर पहुंची। ब्लड बैंक का गेट लगाकर दस्तावेज खंगाले गए। गौरतलब है कि केंद्र की टीम ने सबसे पहले श्री राधास्वामी ब्लड बैंक के दस्तावेज खंगालना शुरू किया है। टीम को अंदेशा है कि श्री राधास्वामी लैब का कर्मचारी जिस तरह से खून की सप्लाई प्लाज्मा कांड के मास्टमाइंड को कर रहा था, इसमें ब्लड बैंक संचालक भी शामिल रहा होगा, क्योंकि बिना उसकी अनुमति आखिर ब्लड कैसे बाहर निकला, जो ब्लड लैब में था उसमें मिलावट कैसे की जा सकती है।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि श्री राधास्वामी लैब से जो ब्लड अजय त्यागी तक पहुंचा उसी से उसने प्लाज्मा तैयार किया था। इससे साफ है कि कोविड पाजिटिव रहे व्यक्ति ने रक्तदान किया। इसके साथ ही 100 के रिकार्ड की गड़बड़ी का भी सवाल खड़ा हुआ है। इसके बाद वह राधास्वामी ब्लड बैंक, रेडक्रास और इमरजेंसी ब्लड बैंक की जांच करेंगे, क्योंकि इन ब्लड बैंक पर काफी अनियमितताएं देखने को मिली थीं। दरअसल जांच के दौरान उन्होंने ब्लड बैंक में किसी को प्रवेश नहीं दिया। सीएमएचओ डा.मनीष शर्मा का कहना है कि केंद्र से आई टीम में इंदौर के तीन ड्रग निरीक्षक और भिंड व मुरैना के ड्रग निरीक्षक शामिल हैं।

इंदौर से ड्रग निरीक्षक राहुल राणा, राकेश नेगी सहित कुल पांच लोगों की टीम है, जो शहर के सभी ब्लड बैंक की एक-एककर जांच करेंगे। गौरतलब है कि प्लाज्मा कांड के बाद स्वास्थ्य विभाग, पुलिस व ड्रग विभाग द्वारा शहर के चार ब्लड बैंकों की जांच की थी। जिसमें श्री राधास्वामी ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन देवेंद्र गुप्ता चोरी-चुपके प्लाज्मा कांड के मुख्य आरोपित अजय त्यागी को ब्लड उपलब्ध कराता था और वहां पर ब्लड के 100 खाली बैग का रिकार्ड भी मिलान नहीं हुआ था, जबकि राधास्वामी ब्लड बैंक पर अवैध रूप से प्लाज्मा मिला था, इमरजेंसी ब्लड बैंक पर एक्सपायरी डेट का 18 बैग ब्लड मिला था तथा रेडक्रास का रिकार्ड गड़बड़ था। इसका प्रतिवेदन बनाकर सीएमएचओ व ड्रग निरीक्षक ने ड्रग कंट्रोलर भोपाल को भेज दिया था।