बरेली। ड्रग वेयर हाउस से सरकारी अस्पताल में भेजी गई आंख, कान की दवाइयां जांच में फेल पाई गई हैं। इन दवाओं के सैंपल बदायूं के ड्रग वेयर हाउस से लिए गए थे। विभाग की ओर से सभी शीशियों को वापस मंगा लिया गया है। साथ ही संबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर उस बैच की सभी दवाओं को बांटने पर रोक लगा दी गई है।

यह है मामला

उत्तराखंड के हरिद्वार की जेपी ड्रग कंपनी की ओर से बदायूं के जिला अस्पताल में मरीजों के लिए प्रेडनिसोलोन सोडियम फॉस्फेट ड्रॉप सप्लाई की गई थी। प्रेडनिसोलोन सोडियम फॉस्फेट ड्रॉप आंख, कान की सूजन कम करने के काम आती है। सप्लाई आने के बाद उसे डिस्ट्रीब्यूट करने की तैयारी थी।

इसी बीच मंडल मुख्यालय से खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ड्रग वेयर हाउस पहुंच गई। उन्होंने इस दवा के साथ अन्य दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल लिया था। जांच में आंख और कान की सूजन को ठीक करने वाला यह ड्रॉप जांच में खरी नहीं उतरी।

सप्लायर दवा कंपनी को नोटिस किया जारी

लैब से जांच रिपोर्ट फल मिलने पर ड्रग इंस्पेक्टर बबिता रानी ने संबंधित दवा कंपनी को नोटिस जारी किया है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि उन्होंने इस बैच की दवाएं और किस-किस जिले में भेजी हैं। लखनऊ से भी सभी ड्रग वेयर हाउस को पत्र जारी कर इस बैच के बारे में जानकारी दी जाएगी। ड्रग वेयर हाउस लखनऊ के इंचार्ज गौरव शंखधार ने बताया कि उनके पास इस दवा की करीब तीन हजार शीशी आई थीं, जो अब वापस भेजी जाएंगी।