हल्द्वानी (उत्तराखंड): सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वाइन फ्लू की दवा की दो सौ वायल (मेडिसिन रखने का बॉक्स) पड़े हुए हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कारगुजारियां से बच्चों को स्वाइन फ्लू होने पर दी जाने वाली यह दवा सितंबर में एक्सपायर हो जाएगी। फिलहाल अस्पताल प्रशासन दवाएं वापस भेजने में लगा है। साथ ही टैमीफ्लू की पांच सौ टेबलेट भी है जिसकी एक्सपायरी तिथि 2020 अंकित है।

जानकारी के मुताबिक, जिला संक्रामक रोग विश्लेषक अधिकारी सुशीला तिवारी अस्पताल के बाल रोग वार्ड-सी में डायरिया पीडि़त बच्चों को देखने पहुंचे। मौके पर फार्मासिस्ट एल.एम. भट्ट भी पहुंच गए। भट्ट ने बताया कि फ्लूविर सीरप (बच्चों को स्वाइन फ्लू होने पर दी जाने वाली दवा) की दो सौ वायल पड़े हुए हैं। फ्लूविर सीरप की आपूर्ति अस्पताल को वर्ष 2016 में की गई है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सीपी आर्या को संबंद्ध किया गया था और दवा उसको पकड़ा दी गई जबकि आर्या अस्पताल का कर्मचारी नहीं था। चैक करने पर पता चला कि दवा सितंबर 2017 में एक्सपायर हो जाएगी। इस पर विशलेषक अधिकारी ने सीएमओ को पत्र में दवा वापस लेने की बात लिखने को कही। सीएमओ डॉ. एचके जोशी की मानें तो एक्सपायरी से तीन माह पहले सूचना देनी होती है। अस्पताल में दवाओं की एक्सपायरी का रजिस्टर है या नहीं ये जांच का विषय है। साथ ही फार्मासिस्ट से पूछा जाएगा कि तीन माह पहले दवा एक्सपायरी की सूचना क्यों नहीं दी।