दूध सेहत के लिए फायदेमंद है, यह तो सभी को पता है, लेकिन कच्चा दूध भी कई तरह से काम में आता है। www.myupchar.com से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, कच्चा दूध पीना न केवल सेहत बल्कि त्वचा के लिए भी अच्छा है। दूध को गर्म करने से इसके कई पौष्टिक तत्व खत्म हो जाते हैं, जो कच्चे दूध में बने रहते हैं। हालांकि, कच्चे दूध का सेवन करते समय कई बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए। जानिए इसी बारे में –

कच्चे दूध के फायदे
कच्चा दूध पीने से पाचन अच्छा रहता है। पेट में गैस बनने की समस्या खत्म होती है और इससे शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है। यह पेट में ठंडक पैदा करता है, इसलिए जिन लोगों के पेट में गर्मी रहती है, उन्हें रोज खाली पेट कच्चा दूध पीना चाहिए। कच्चे दूध में केसर मिलाकर पीने से यौन क्षमता बढ़ती है।

कच्चे दूध का दूसरा सबसे बड़ा फायदा त्वचा संबंधी है। आयुर्वेद के मुताबिक, मसूर की दाल और बेसन को कच्चे दूध में भिगो दें और रातभर रखे रहने दें। सुबह इस मिश्रण को पीस लें। जो पेस्ट तैयार होगा, उसे चेहरे पर लगाने से मुंहासे, दाग और झुर्रियां खत्म हो जाती हैं। यदि आंखों में जलन हो रही है तो कच्चे दूध को रूई की मदद से आंखों पर लगाएं, तत्काल राहत मिलेगी। वहीं ठंड के दिनों में इसे होठों पर लगाने से इनका कालापन दूर होता है।

जो लोग नियमित रूप से कच्चा दूध पीते हैं, उनकी हड्डियां मजबूत रहती हैं। इसमें मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन सीधा हड्डियों तक पहुंचता है। छोटे बच्चों को कच्चा दूध पिलाने से उनके दांत मजबूत होते हैं। इसमें मौजूद फास्फोरस सीधा दांतों को फायदा पहुंचाता है। जो लोग वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें अपनी डाइट में कच्चा दूध शामिल करना चाहिए। इसमें कंजगेटेड लिनोलिक एसिड (सीएलए) होता है, जो चर्बी कम करने में सहायक होता है।  कच्चा दूध शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है और बुरा कोलेस्ट्रोल कम करता है। इस तरह यह हार्ट संबंधी बीमारियों को दूर रखता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह सेहतमंद है।

कच्चे दूध के नुकसान
www.myupchar.com  से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, कच्चा दूध कई बार बीमारियों का कारण भी बन सकता है। पशुओं के शरीर से जुड़े कई कीटाणु इसमें शामिल हो सकते हैं जो इंसानों के लिए बीमारी का कारण बन सकते हैं। बैक्टीरिया संक्रमित कच्चा दूध पीने से साल्मोनेला और ई. कोलाई जैसे रोगाणु शरीर में पहुंच सकते हैं। कच्चे दूध के संक्रमण से उल्टी, दस्त और बुखार हो सकता है। रोगग्रस्त पशुओं से निकला कच्चा दूध बहुत घातक हो सकता है। कच्चा दूध फ्रीज में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि फ्रीज का माहौल बैक्टीरिया को और पनपने का मौका देता है। बेहतर होगा कच्चा दूध ताजा ही सेवन करें। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही कच्चा दूध पीना चाहिए। दूध में लैक्टोज होता है, जो कभी-कभी एलर्जी का कारण भी बन सकता है। कच्चे दूध में मिनरल और पैप्टाइड्स के कारण की लोगों में गैस संबधी  समस्या बढ़ सकती है।