कोटा। थोक दवा व्यापारी द्वारा रिटेल में प्रतिबंधित नशीली दवाइयां बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है। औषधि नियंत्रण संगठन ने दवाओं को नशे के लिए बेचने के अवैध कारोबार के खिलाफ शहर के खारी बावड़ी स्थित एक थोक व्यापारी के यहां कार्रवाई की।

थोक व्यापारी से पता चला कि वह अब तक भारी मात्रा में नशीली दवाएं रिटेल में बेच चुका है। उसने दवा बेचने से पूर्व ग्राहक से किसी प्रकार का पहचान का दस्तावेज भी नहीं लिया।

यह है मामला

राजस्थान के औषधि नियंत्रक अधिकारी योगेश कुमार और दिनेश कुमावत ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि कोटा में दवा की दुकानों पर अवैध रूप से एनडीपीएस की दवा बेची जा रही है। इसके बाद खारी बावड़ी स्थित फार्मा पर निरीक्षण किया गया।

दुकान पर रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि बीते 6 महीने में दुकानदार ने 500 सिरप और 5000 टैबलेट नशे और नींद की दवाओं की बेच डाली हैं। जो दवाएं बेची गई हैं, उन पर राजस्थान सरकार ने फिलहाल रोक लगा रखी है।

बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची दवाएं

बताया गया कि इस फर्म पर लंबे समय से निगरानी रखी जा रही थी। यहां लगातार बिना बिल के नशीली दवाएं बेची जा रही थी। दुकान पर कोई बिल और कंप्यूटर सिस्टम भी नहीं मिला। ये दवाएं बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची जा रही थी। औषधि निरीक्षण ने बताया कि इस दुकान का अभी केवल 6 महीने का स्टॉक जांचा गया है।

इसमें ही बड़ी मात्रा में अनियमितता मिली है। ऐसे में 1 जनवरी 2023 से रिकॉर्ड मांगा गया है। कोटा के सहायक औषधि निरीक्षक प्रहलाद मीणा ने बताया कि थोक के लाइसेंस पर रिटेल में दवा नहीं बेची जा सकती है। साथ ही एनडीपीएस की दवाएं प्रारंभिक रूप पर रिटेल में बिना बिल के बेचने का भी पता चला है। इस पर लाइसेंस कैंसिल करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।