गोरखपुर: गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पांच दिन में जिन साठ से ज्यादा बच्चों की मौत हुई उनमें से कईयों की मौत के लिए ऑक्सीजन की कमी को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इन बच्चों में से कई तो कुछ दिन पहले ही पैदा हुए थे। यह अलग बात है कि यूपी सरकार और अस्पताल प्रशासन इस बात से साफ इनकार कर रहा है कि यहां किसी प्रकार से ऑक्सीजन की कमी थी। हालांकि पीडि़तों की मांग और देशभर से बन रहे जबरदस्त दबाव के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है। रिपोर्ट के आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जिसकी मिसाल दी जाएगी। उधर, गुस्से में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के घर के बाहर अंडे और टमाटर फेंके । देशभर में विपक्ष और तमाम संगठन राज्य और केंद्र सरकार की तीखी आलोचना कर रही है।
योगी आदित्यनाथ की मांग पर मोदी सरकार ने गोरखपुर में हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत का सबब बनने वाले मस्तिष्क ज्वर पर गहन अनुसंधान के लिए रीजनल वायरस रिसर्च सेंटर की स्थापना का ऐलान किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि गोरखपुर में मस्तिष्क ज्वर रोग पर गहराई से अनुसंधान के लिए यह रीजनल वायरस रिसर्च सेंटर (क्षेत्रीय वायरस अनुसंधान) स्थापित होगा। केंद्र सरकार इसके लिए 85 करोड़ रुपये देगी नड्डा ने कहा कि योगी इंसेफलाइटिस उन्मूलन के लिए संवेदनशील हैं। उनके प्रयास से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इंसेफलाइटिस रोधी टीकाकरण को जोड़ा गया है। गोरखपुर में अनुसंधान केन्द्र बन जाने से इस बीमारी पर रोक लगाने में सफलता मिलेगी। यह केंद्र पूर्ण विकसित होगा, जिससे बच्चों में होने वाले अन्य रोगों के निदान में भी मदद मिलेगी। भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने इने नरसंहार की संज्ञा दी है।

गोरखपुर के अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में दखल देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये एक राज्य, एक अस्पताल और एक जिले की घटना है. इसलिए याचिकाकर्ता इस मामले में हाईकोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने टीवी पर देखा है कि खुद मुख्यमंत्री मामले में निगरानी रखे हुए हैं। केंद्र सरकार के मंत्री भी अस्पताल गए हैं। बता दें कि महिला वकील राजश्री रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेने की गुहार लगाई थी।