कोयंबटूर। गंभीर दर्द की दवा ओपिओइड टेपेंटाडोल का नशे के लिए दुरुपयोग बढ़ रहा है। इसके बावजूद पुलिस इस दवा का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर पा रही। इस बारे में कोयंबटूर पुलिस का कहना है कि वे टेपेंटाडोल का दुरुपयोग करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकते हैं। वजह यह है कि यह दवा नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत लिस्टेड नहीं है। यह दवा कई ब्रांड नामों में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर में इस दवा की बिक्री बढ़ गई है। प्रिस्क्रिप्शन दवाओं का दुरुपयोग कोई नई बात नहीं है। हमने गांजा और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के खिलाफ निगरानी बढ़ा दी है। इसके चलते ओपियोड दवाओं के इस्तेमाल में वृद्धि हुई है।
ओवर-द-काउंटर दवाओं की बिक्री कम की
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने निर्धारित दवाओं की ओवर-द-काउंटर बिक्री लगभग कम कर दी है। इससे विक्रेता पड़ोसी राज्यों से इन नशीली दवाओं की तस्करी करने लगे हैं। कई ड्रग तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन उनके खिलाफ मामले दर्ज नहीं कर सके। टैपेंटाडोल एनडीपीएस अधिनियम में सूचीबद्ध नहीं है।
फार्मेसियों को जागरूक किया
उन्होंने कहा कि उन्हें आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं के तहत ऐसे मामलों से निपटना होगा। हमने अपने कर्मियों को आदेश दिए हैं कि अगर तस्करों के पास कोई अन्य निर्धारित दवाएं हैं तो मामला दर्ज करते हैं। पुलिस आयुक्त वी बालाकृष्णन ने कहा कि उन्होंने फार्मेसियों को बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवा नहीं बेचने के लिए जागरूक किया है। लेकिन विक्रेता इसे ट्रेनों और पार्सल सेवाओं के माध्यम से शहर में चोरी-छिपे ला रहे हैं।
दवा की बिक्री पर कड़ी निगरानी
औषधि प्रशासन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दवा को औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम में अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है। हम दवा की बिक्री पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। एनडीपीएस अधिनियम के तहत 239 प्रतिबंधित वस्तुएं सूचीबद्ध हैं। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही टेपेंटाडोल को सूची में जोड़ेगी।