वाराणसी। दवाइयां महंगी हो गई हैं। गैस और बीपी की दवाइयोंं के दाम अब पांच से दस फीसदी अतिरिक्त बढ़ गए हैं। इनके अलावा, विटामिन और कैल्शियम की कमी दूर करने की दवाओं के दाम में भी इजाफा हो गया है। कंपनियों ने कई दवाओं की कीमतें बढ़ा दी हैं।
अब ये हुए दाम
सप्तसागर और बुलानाला के थोक दवा कारोबारियों के अनुसार बीपी में इस्तेमाल होने वाली एमलोडिपिन के 15 टैबलेट का 20 रुपये का पत्ता अब 24.80 रुपये हो गया है। गैस की दवा रैबिप्रॉज 90 से 102 रुपये पहुंच गई है। घाव पर लगाने वाला मलहम फ्राइमेसिन पहले 50 रुपये का आता था, इसमें भी 5 रुपये का इजाफा हो गया है। मुंह में छाले होने पर उपयोगी बी कॉम्लेक्स (10 टैबलेट) पांच रुपये बढ़ गया है। एंटीबायोटिक डॉक्टसिसाइक्लिन की दस टैबलेट का रेट 105 रुपये से 115 रुपये हो गया है।
इनके अलावा, पेट दर्द में आराम देने वाली ड्रोटावेराइन कॉम्बिनेशन की दस टैबलेट अब 105 की जगह 115 रुपये में मिलेगी। वहीं टीबी दवा (चार दवाओं का कॉम्बिनेशन) 90 से बढक़र 99.80 रुपये पहुंच गया है। मल्टी विटामिन की दस टैबलेट के लिए अब दस रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे।
हर साल 10 फीसदी बढ़ते हैं दाम
दवा विक्रेता समिति के महामंत्री दिनेश सिंह ने बताया कि कंपनियां हर साल 10 फीसदी रेट बढ़ाती हैं। हालांकि कुछ दवाओं की कीमतें कम भी हुई हैं। बच्चों को बुखार होने पर दी जाने वाली पैरासिटामॉल सिरप (250 एमजी) पहले जहां 40 रुपये की थी अब 45 रुपये में मिल रही है।
मस्तिष्क दवा इंट्रासेट (15 टैबलेट) का मूल्य भी 2 रुपये बढ़ा है। इसके अलावा, भाप लेने वाली कैप्सूल (एक पत्ता) 90 से 101 रुपये हो गया है। गठिया रोग में ली जाने वाली दवा लेफुमा टैबलेट के दाम भी बढ़ गए हैं।