नई दिल्ली। राजधानी के निजी अस्पताल और क्लीनिक अब मरीजों से दवाओं की मनमानी कीमत नहीं वसूल सकेंगे। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट बनाकर सीएम को सौंपी है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि निजी अस्पताल व क्लीनिकों को दवाओं की वास्तविक खरीद कीमत दीवारों पर चिपकानी होगी। मंजूरी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग नोटिफिकेशन जारी कर इसे लागू कर देगा।

निजी अस्पताल और क्लीनिक दवाओं या कंज्यूमेबल प्रोडक्ट को खरीद कीमत से 30 या 40 फीसदी अधिक में बेच सकेंगे। अगर कोई निजी अस्पताल और क्लीनिक मरीजों से इससे अधिक कीमत वसूलता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में निजी अस्पताल और क्लीनिक कई बार दवाओं के रैपर पर गलत कीमतें प्रिंट कराते हैं। दवाओं की वास्तविक खरीद कीमत की जानकारी डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज को देनी होगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लाल पैथलैब, नंदा और एसआरएल जैसे बड़े डायग्नोस्टिक लैब जिन कीमतों पर जांच करते हैं, उसके आधार पर ही सभी जांचों के लिए एक औसत कीमत तय की जाएगी। औसत कीमत पर दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों और क्लीनिक में मरीज जांच करा सकेंगे। डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस) डॉ. कीर्ति भूषण ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने यह रिपोर्ट अकेले नहीं बनाई है। रिपोर्ट बनाने वाली कमेटी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन(डीएमए), प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल थे।