बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अमानक दवाओं की सप्लाई जारी है। राजनांदगांव, धमतरी और सूरजपुर के ड्रग इंस्पेक्टरों को फिर चार दवाएं अमानक मिली है। लैब में जांच के बाद इसकी पुष्टी कर सरकार ने इसे छत्तीसगढ़ में कहीं भी सप्लाई न हो, इस बात के लिए हर जिले में खोजबीन के निर्देश दिए हैं। इनमें एंटीबायोटिक ओफलोसेफ प्लस, सर्दी की टफ-कफ सीरप, दर्द में राहत की डायक्लोफेनिक सोडियम और पेट में इंफेक्शन को दूर करने वाली एंटी जेड में ऐसी गड़बड़ी पाई गई है। इनकी कंपनियों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया है। इसके अलावा राज्य में इसकी सप्लाई पर रोक लगा दी गई है। छत्तीसगढ़ के दवा बाजारों में अमानक दवाओं की सप्लाई जारी है। कंपनियों के दावों के मुताबिक इनमें स्टैंटर्ड क्वालिटी कम पाई जा रही है। इसके चलते मरीजों के शरीर में इसके साइड इफेक्ट के प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। रायपुर में दर्द निवारक दवा डायक्लोफेन को लेकर ये शिकायतें पहले भी आ चुकी हैं। मरीजों का कहना था कि इसे खाने के बाद उन्हें परेशानी हो रही है। इसके बाद बिलासपुर में चिट्ठी आई और दवा सप्लाई को रोकने की बात लिखी गई। इससे मरीजों के शरीर पर लाल रंग के चकते भी हो रहे थे। डॉक्टरों की शिकायत के बाद आनन-फानन में दवाओं का पूरा स्टॉक अस्पतालों से मंगवाकर सील किया गया। लेबोरेटरी जांच में खुलासा हो गया कि दवाएं निम्न स्तर की हैं। इस वजह से मरीजों को साइड इफेक्ट हो रहा था। इसके बाद दूसरे जिलों से दवाओं में ग?ब?ी की बात सामने आने लगी। ड्रग विभाग की जांच में और भी दवाओं के सैंपल फेल हुए थे और उन दवाओं के अमानक होने की पुष्टि हुई। इनमें सिट्राजिन, जिंक व कैल्शियम की टेबलेट मिली थी। ड्रग विभाग ने 2016 से जनवरी 2017 तक कुल 65 दवाओं का सैंपल लिया था। सभी सैंपल कालीबाड़ी स्थित लैब में भेजकर वहां जांच करवायी गई थी। बिलासपुर असिस्टेट ड्रग कंट्रोलर राजेश क्षत्रिय ने बताया कि अभी चार दवाएं अमानक मिली हैं। इन दवाओं की सप्लाई पर रोक लगाने के अफसरों ने निर्देश दिए हैं। इनमें ओफलोसेल प्लस, टफ-कफ सीरप, डायक्लोफेनिक सोडियम और एंटी जेड शामिल हैं। दूसरे जिलों से दवाओं में गड़बड़ी पकड़ाने के बाद हमें इसकी सूचना भेजी गई है।