नई दिल्ली। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने शनिवार को कहा कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद दवा कंपनियों ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज में काम आने वाले रेमडेसिविर इन्जेक्शन के दाम कम कर दिए हैं। दवा कंपनी केडिला हेल्थकेयर, डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज और सिप्ला ने रेमडेसिविर इंजेक्शन (100 मिग्रा की शीशी) के अपने अपने ब्रांड के दाम कम किए हैं।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौडा ने दवा कंपनियों द्वारा उठाए गए इस कदम पर प्रसन्नता जाहिर की है। एक ट्वीट कर उन्होंने कहा, ‘‘इस नाजुक समय में यह लोगों के लिए बड़ी राहत है। सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिविर के दाम अब कम हुए हैं। मैं दवा बनाने वाली कंपनियों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोविड- 19 के खिलाफ जारी लड़ाई में साथ दिया है। रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने भी ट्वीटर पर लिखा, ‘ सरकार के हस्तक्षेप के चलते रेमेडेसिवीर के मूल्य कम कर दिए गए हैं। मैं औषधि कंपनियों का आभारी हूं कि उन्होंने कोविड- 19 महामारी का मुकाबला करने में सरकार का साथ दिया है।
NPPA की ओर से जारी विवरण के अनुसार कैडिला ने रेमडैक (रेमडेसिवीर 100 मिग्रा) इंजेक्शन का दाम 2,800 रुपए से घटा कर 899 रुपए कर दिया है। इसी तरह सिंजीन इंटरनेशनल ने रेमविन नाम से बेची जाने वाली अपनी दवा का दाम 3950 रुपए से घटा कर 2,450 रुपए प्रति यूनिट कर दिया है। हैदराबाद की डा रेड्डीज लैब इस दवा को रेडिक्स नाम से बेचती है। उसने इसका दाम 5,400 रुपए से कम कर अब 2,700 रुपए कर दिया है। इसी तरह सिप्ला की दवा सिप्रेमी अब 3,000 रुपए की हो गयी है। यह पहले 4,000 की पड़ती थी।
माइलान ने इस दवा के अपने ब्रांड का मूल्य 4,800 से 3,400 रुपए और जुबिलैंट जेनेरिक्स ने इस दवाई के अपने ब्रांड की दर प्रति इकाई 3,400 रुपए कर दी है। पहले यह 4,700 रुपए में मिल रही थी. इसी तहर हेट्रो हेल्थकेयर ने इस अपनी दवा की कीमत 5,400 रुपए की जगह 3,490 रुपए कर दी है। वह इसे कोवीफॉर ब्रांड नाम से बेचती है। इस बीच, महाराष्टू में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलबधता को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता नवाब मलिक और केन्द्रीय राजय मंत्री मनसुख मांडाविया के बीच शब्द बाण चल गए। मलिक ने अलग अलग ट्वीट में आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार विभिन्न निर्यातोन्मुखी इकाइयों को उनकी दवा को देश में बेचने की अनुमति नहीं दे रही है। वहीं मांडाविया ने उनके आरोपों को पूरी सख्ती के साथ खारिज करते हुए कहा कि सरकार दवा का उत्पादन दुगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।