नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन की भारी किल्लत हो गई है। ज्यादातर अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुके है या फिर खत्म होने की स्थिति में हैं। इनबकाया हालात में मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाकर अधिक कीमत पर इंजेक्शन लेने को मजबूर हो चले है। सबसे अधिक समस्या दीनदयाल उपाध्याय, राजा हरिश्चंद्र, मदन मोहन मालवीय और गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में है। यहां एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं है। बताया जा रहा है कि दवाओं की सप्लाई करने वाली कंपनियों का बकाया नहीं चुकाया गया है। इसके चलते कंपनियों ने इंजेक्शन की सप्लाई करने से हाथ खड़े कर लिए हैं।
उधर, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि एंटी रेबीज इंजेक्शन सप्लाई करने वाली कंपनी के प्लांट में कोई दिक्कत है। जल्द ही उनका प्लांट ठीक हो जाएगा। इसके बाद इंजेक्शन की सप्लाई होने लगेगी। कई अस्पतालों के एमएस ने दबी जुबान में बताया कि उनके अस्पताल में मुश्किल से एक सप्ताह का ही इंजेक्शन बचा हुआ है। छोटे अस्पतालों में रोजाना 20 से अधिक और बड़े अस्पतालों में 50 से अधिक लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आते हैं। सेंट्रल प्रोक्योरमेंट अथॉरिटी (सीपीए) के डायरेक्टर डॉ. विजॉय ने बताया कि एंटी रैबीज इंजेक्शन की सप्लाई करने वाली देश में बहुत कम कंपनियां हैं। दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में भारत बायोटेक नामक कंपनी एंटी रैबीज इंजेक्शन सप्लाई करती है। कंपनी ने पत्र लिखकर बताया है कि उसके प्लांट में कोई दिक्कत आई है, इसलिए वह इंजेक्शन और अन्य दवाओं की सप्लाई नहीं कर पा रही है। 15 दिन में परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी। जिन अस्पतालों में इंजेक्शन नहीं है, उन्हें लोकल परचेज का आदेश दिया गया है।