नई दिल्ली। केंद्र सरकार दवा कंपनियों पर सख्ती के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में नए प्रावधान जोडऩे जा रही है। एक बैच में बनने वाली लाखों टैबलेट में से अगर एक भी खराब निकली तो कंपनी को पूरे बैच के एमआरपी के बराबर जुर्माना देना पड़ेगा। सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। अंतिम मुहर के लिए इसे स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा गया है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह प्रावधान ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में जोड़ा जाएगा। सीडीएससीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे 20-25 फीसदी मामलों में ही कानूनी कार्रवाई होती थी। एक अनुमान के अनुसार सालभर में देश में करीब एक लाख दवा सैंपल फेल होते हैं। सीडीएससीओ का अनुमान है कि इस फैसले से हर वर्ष सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए का फायदा होगा।