सिरसा। हरियाणा स्टेट मेडिकल एंड सेल्ज़ रेप्रज़ेंटटिव यूनियन के महासचिव कामरेड कुलवंत राय ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में पूरा देश कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, लेकिन दवा कंपनियां अपने दवा प्रतिनिधियों का सेल्ज़ टार्गेट पूरा करने के लिए मानसिक व शारीरिक शोषण कर कानून के नियमों की धज्जियां उड़ाने में जुटी है। पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन है, दवा कंपनियां प्रधानमंत्री के इस आदेश का उल्लंघन करने के लिए कर्मचारियों पर दवाब बना रही है। एक दवा प्रतिनिधि का काम कंपनी की दवा को चिकित्सक तक प्रोमोट करना है।
दवा प्रतिनिधी सेल्ज़ एम्प्लॉई ऐक्ट के अंतर्गत आते है,परंतु लॉकडाउन के दौरान अहमदाबाद की एरिस लाइफ़ साइयंस लि. नामक दवा कंपनी सरकार के आदेशों का व देश के कानूनों का उल्लंघन करने पर लगी हुई है। हाल ही में एरिस लाइफ़ साइयंस लि. कम्पनी के मानव संसाधन विभाग के मैनेजर द्वारा फर्जी पास बना कर कम्पनी में कार्यरत कर्मचारियों को ऑनलाइन भेजे गये व उन्हे इसेंनशियल सर्विस का नाम दे के फ़ील्ड वर्क करने पर मजबूर किया गया।ऐसी अनैतिक प्रैक्टिस के साथ साथ ‘वर्क फ्रॉम होम’ के बहाने से अपने दवा प्रतिनिधियों से अनैतिक कार्य करवा रही हैं।
घर बैठे उनसे चिकित्सको को ब्रांड प्रमोशन के लिए टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सएप मैसेज, टेलिफोनिक कॉल करके चिकित्सको को परेशान व उनके काम में बाधा डालने पर मजबूर कर रहीं हैं, लॉकडाउन के दौरान घर बेठे दवा प्रतिनिधियों से उनकी वीडियो बनवा कर मंगवाई जा रही है जो कि एक अनैतिक प्रैक्टिस के विरूद्ध है। सेल्ज़ एम्प्लॉई ऐक्ट ,1976 के अंतर्गत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और इस तरह की प्रैक्टिस सीधा-सीधा दवा प्रतिनिधियों की गोपनीयता पर हमला है। ऐसी प्रैक्टिस करने वाली सभी फ़ॉर्मसूटिकल कंपनियों को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा पत्र भी लिखा गया है कि देश के सभी चिकित्सक, पैरा-मेडिकल स्टाफ़ इस वैश्विक महामारी से लड़ रहें हैं,दिन-रात आमजन की सेवाओं में लगे हुए हैं। उन्हें टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सएप्प मैसेज, वीडियों कांफ्रेसिंग, टेलिफोनिक कॉल करके चिकित्सको व पैरा-मेडिकल स्टाफ़ को परेशान व उनके काम में बाधा न डालें। उसके बावजूद दवा कंपनियां लगातार इस तरह की अनैतिक प्रैक्टिस करने के लिए अपने दवा प्रतिनिधियों पर मानसिक दबाव बना रही है।
हरियाणा स्टेट मेडिकल एंड सेल्ज़ रेप्रज़ेंटटिव यूनियन ने देश के प्रधानमंत्री, श्रम और रोजगार मंत्रालय से अपील की है कि जो भी दवा कंपनियां इस तरह की अनैतिक प्रैक्टिस कर रहीं हैं, लॉकडाउन के नियमो व क़ानून का उल्लंघन कर रहीं हैं और लॉकडाउन व इस वैश्विक महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों का वेतन काटे, छटनी, तबादला व टर्मिनेशन करे, शारीरिक व मानसिक शोषण करे तो उन दवा कंपनियां के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। भारत सरकार द्वारा जारी किए गये लॉकडाउन का समर्थन करें व अपने कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान जब तक स्थिति साधारण नहीं हो जाती तब तक राहत का पत्र जारी करें। लॉकडाउन के नियमो व देश के क़ानूनों का उल्लंघन न करें और दवा प्रतिनिधियों का मानसिक व शारीरिक शोषण ना करें।