नई दिल्ली। दवा की कालाबाजारी का ग्राफ कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि लगातार कोरोना काल में दवा की कालाबाजारी बढ़ती ही जा रही है लेकिन अब दवा की कालाबाजारी करने वालों की खैर नहीं। दरअसल अब दवा की कालाबाजारी करने वाले दवा व्यापारियों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। डीएम ने कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों पर लगाम लगाने के लिए विकासखंड स्तरीय कमेटी का गठन किया। कमेटी निजी अस्पतालों में कोविड वैक्सिनेशन के चुकाने वाली धनराशि पर भी पर भी नजर रखेगी। कहा दवा व इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वाले व्यापारी किसी भी कीमत में छोड़े नहीं जाएंगे।
डीएम आंनद स्वरूप ने कहा सीमांत जनपद में कोरोना संकट के इस दौर में दवाओं की कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। कहा इसकी रोकथाम के लिए मंडल व जिलास्तर पर कमेटी का गठन किया गया है। एसडीएम संबंधित मंडल कमेटी के अध्यक्ष होंगे। प्रभारी चिकित्साधिकारी व उनकी तरफ से नामित संबंधित थानाध्यक्ष को सदस्य बनाया गया है। समिति अपने क्षेत्र के दवा प्रतिष्ठानों व निजी चिकित्सालयों का नियमित रूप से निरीक्षण करेगी। इसके अलावा कमेटी निजी चिकित्सालयों में हो रहे वैक्सिनेशन के दौरान लिए जाने वाली धनराशि पर निगरानी करेंगे। कहीं भी अनियमितता मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कहा दवा की कालाबाजारी करने वालों को किसी भी कीमत में छोड़ा नहीं जाएगा।