हिसार। जिले के कोविड-19 घोषित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस इलाज में कारगर इंजेक्शन व दवा पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में दवा न मिलने के कारण मरीजों में नाक व आंख के बाद जबड़े व दिमाग यानी तीसरी व चौथी स्टेज पर फंगस पहुंच रही हैं। जिस कारण ब्लैक फंगस मरीजों के जबड़े, आंखें निकालनी पड़ रही हैं। मंगलवार को ओरल सर्जन डॉ. बंसीलाल बेनीवाल की टीम ने तीन मरीजों के जबड़ों के ऑपरेशन किए। दो मरीजों के पूरे जबड़े निकालने पड़े। फंगस के कारण एक मरीज की मौत भी हुई है।

नेत्र रोग विभाग के एचओएडी डॉ. प्रवीण रेवड़ी के मुताबिक ब्लैक फंगस पहली स्टेज में नाक से शुरू होती है। इसके बाद दूसरी स्टेज में आंख और तीसरी स्टेज में जबड़े में संक्रमण जाता है। चौथी स्टेज में दिमाग की ओर जाता है। उन स्थितियों में मरीज की मौत भी हो सकती है। जब किसी म्यूकरमाइकोसिस के मरीज को दाखिल किया जाता है तो उसी समय उसे इंजेक्शन देने पड़ते हैं। तभी फंगस को फैलने से रोका जा सकता है। वह मरीज के वजन के हिसाब से दिए जाते हैं। ऑपरेशन के बाद तो तीन से चार दिन मरीज को इंजेक्शन देने जरूरी है। वरना खुली हुई नसों से फंगस फैलने का अधिक खतरा होगा।

बता दें कि मेडिकल कॉलेज में पांच मरीजों के जबड़े और पांच की आंखें निकाली जा चुकी हैं। मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को केवल 70 इंजेक्शन ही पहुंचे। मरीजों को केवल एक-एक इंजेक्शन लग पाए हैं। सोमवार को भी मरीजों को एक-एक इंजेक्शन लगे थे। पांच दिनों से इंजेक्शन मिलने में इसी तरह की दिक्कत आ रही है।
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट- डॉ. नजीर अहमद पंडित के मुताबिक मंगलवार को तीन मरीजों के जबड़ों के ऑपरेशन हुए हैं। इनमें से दो मरीजों के जबड़े निकाले गए और एक के तीन दांत निकालने पड़े हैं। अब तक पांच मरीजों के जबड़े व पांच की आंखें निकाली जा चुकी है। मंगलवार को इंजेक्शन भी कम आए हैं। इस लिए मरीजों को एक-एक इंजेक्शन लगा है।

133 मरीजों के किए जा चुके ऑपरेशन
मंगलवार को अस्पताल में चार केस नए आए हैं। अभी वार्ड में 74 मरीज दाखिल हैं। अब तक मेडिकल कॉलेज में म्यूकरमाइकोसिस के 207 मामले सामने आ चुके हैं और 48 मरीज फंगस के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। ईएनटी विभाग, नेत्र रोग व दंत विभाग की टीम 133 मरीजों के ऑपरेशन कर चुकी है। 40 मरीजों में ऑपरेशन के जरिये आंखों में फंगस रोकने के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। बाकी 14 मरीजों के जबड़ों के ऑपरेशन हो चुके हैं।

आठ और हुए ऑपरेशन
अस्पताल में ईएनटी विभाग व नेत्र रोग विभाग की टीम ने चार मरीजों के नाक व चार के आंखों के ऑपरेशन किए है। सरकार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से हर रोज बार-बार म्यूकमाइकोसिस के मरीजों की संख्या और उनकी दवा की मांग के बारे में रिपोर्ट ले रही है। इंजेक्शन उनकी मांग के मुताबिक नहीं आ रहे हैं। मंगलवार को अस्पताल में 140 इंजेक्शन आने थे, पर 70 ही पहुंचे।

तीनों बड़े ऑपरेशन थे
ओरल सर्जन डॉ. बंसीलाल बेनीवाल ने बताया कि तीनों ऑपरेशन ही बड़े थे, जिस कारण काफी समय लगा। मंगलवार को तीन ऑपरेशन किए है। वरना दो ही हो पा रहे थे। साथ ही वालंटियर ओरल सर्जन डॉ. कन्नू प्रिया और मेडिकल कॉलेज की टीम साथ दे रहे हैं।