जयपुर। दवा दुकानदार और नर्सिंग कर्मियों के बीच कमीशनखोरी का खेल सामने आया है। एसएमएस अस्पताल में एक मरीज को 250 रु. की दवा 1300 रु. में खरीदनी पड़ी। मरीज के परिजनों की जागरूकता से अस्पताल प्रशासन के संज्ञान में यह मामला आया। प्रशासन ने खानापूर्ति कर दोनों नर्सिंग कर्मियों को हटाकर दूसरी जगह लगा दिया है। यह मामला कुछ दिन पहले ट्रोमा सेंटर में सामने आया था। यहां वार्ड 113 में तैनात नर्सिंग कर्मियों और सेंटर के आसपास निजी दवा दुकानदारों के बीच कमीशनखोरी चल रही है। शिकायतकर्ता मरीज गोवर्धन को ट्रोमा के वार्ड 113 मेंं भर्ती किया गया। यहां रात्रि में पिता को नर्सिंग स्टॉफ ने दवा पर्ची दी और ट्रोमा के पास ही खास दुकान पर जाने के लिए कहा। गोवर्धन के साथ एक व्यक्ति दुकान तक गया, जिससे वह किसी अन्य दुकान पर नहीं जा सके।
गोवर्धन को पर्ची में लिखी सभी दवाएं 1300 रुपए में दी, यही दवाएं लाइफ लाइन स्टोर पर महज 250 रुपए में मिल जाती हैं। गोवर्धन ने दुकानदार से जब बिल मांगा तो उसने अपना विजिटिंग कार्ड देकर कहा कि वार्ड में बात हो गई है और इसी कार्ड को बिल समझो। कार्ड में मरीज का नाम और दवाओं की कीमत लिख कर दे दी। गोवर्धन जब वार्ड में आया तो उसने बाहर से दवाएं लाने का विरोध जताया। नर्सिंग कर्मियों ने उसे डरा-धमका कर चुप करा दिया। इस बारे में एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डी.एस मीणा ने कहा कि ट्रोमा में मामला सामने आया था। दोनों नर्सिंग कर्मियों को दूसरी जगह लगाया है। ऐसे मामलों पर नजर रख रहे हैं।