पानीपत: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने प्रण लिया है कि सरकार का काम ठप नहीं होने देंगेे। अब उनके स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रवीण गर्ग  अखबारों में बयान दे रहे हैं कि समय रहते जिम्मेदार अधिकारी जरूरी जानकारी नहीं देते। उधर, कई जिलों में  20 दिन से काला पीलिया बुखार के मरीज दवा नहीं मिलने से तड़प रहे हैं, तो क्या अब मंत्री विज चंडीगढ़ सचिवालय की तरह पांचों जिलों में सिविल सर्जन या अन्य जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ तत्काल कड़ा एक्शन लेकर मीडिया को बताएंगे, क्योंकि चंडीगढ़ सचिवालय में तो फाइलों में लेटलतीफी पर वह भडक़ उठे और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। यहां तो लापरवाही लोगों की जिंदगी के मुद्दे पर बरती गई है और स्वास्थ्य महानिदेशक इसके गवाह हैं।
बता दें कि काला पीलिया (हैपेटाइटिस-सी) के मरीज करीब तीन सप्ताह से दवा के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। दवा लेने का रूटिन टूटने से उनका स्वास्थ्य खराब होता जा रहा है। जबकि सरकार ने पिछले दिनों हैपेटाइटिस-सी (काला पीलिया) के मरीजों के लिए सभी जिलों के सामान्य अस्पतालों में दवा उपलब्ध कराने का दावा किया था। यह दवा इतनी कम थी कि एक सप्ताह में ही पांच जिलों के अस्पतालों में खत्म हो गई। स्थिति यह हो चली है कि पानीपत, सोनीपत, कैथल, जींद और सिरसा के अस्पतालों में दवा है ही नहीं। यहां के एक हजार से ज्यादा मरीजों को बीते तीन सप्ताह से दवा का इंतजार है। दवा की कमी में इन जिलों के मरीजों को मजबूरन रोहतक पीजीआई रेफर करना पड़ रहा है। डॉक्टर कई बार विभाग से दवा की मांग कर चुके हैं, लेकिन नहीं पहुंची। पांचों जिलों के नोडल अफसरों ने दवा की रिपोर्ट बनाकर हेडक्वार्टर भेज दी है लेकिन अभी तक दवा की सप्लाई नहीं आई है। हैपेटाइटिस-सी के इन मरीजों में 80 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। समय पर सही इलाज न मिल पाने से मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विभाग में हैपेटाइटिस सी की नोडल ऑफिसर डॉ. दीप्ति का कहना है कि पांच जिलों में हैपेटाइटिस सी की दवा नहीं होने की बात अधिकारियों के संज्ञान में ला दी है। रोहतक पीजीआई से जल्द पानीपत समेत अन्य जिलों में दवा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग हरियाणा के डॉयरेक्टर जरनल डॉ. प्रवीण गर्ग का कहना है कि सभी जिलों के सिविल सर्जन से रिपोर्ट लेकर जल्द दवा उपलब्ध कराएंगे। दवा की कमी के बारे में अभी तक मेरे नोटिस में मामला नहीं आया था।