लखनऊ। अब यूनानी दवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी। सरकारी फार्मेसी में बन रही दवाओं की गुणवत्ता की समय-समय पर जांच होगी। इसके लिए 1.18 करोड़ रुपये की लागत से यूनानी औषधि प्रयोगशाला का निर्माण किया जा रहा है। आयुष, अभाव सहायता एवं पुनर्वास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धर्म सिंह सैनी ने इसका शिलान्यास किया। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर यह प्रयोगशाला बनकर तैयार होगी। इसमें नई यूनानी दवाएं बनाने के लिए रिसर्च भी होगी। राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के प्रांगण में इस प्रयोगशाला की आधारशिला रखी गई है। मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने कहा कि इस प्रयोगशाला के शुरू होने पर इसमें अत्याधुनिक जांच मशीने भी खरीदी जाएंगी। आने वाला समय आयुष विधा का है और भविष्य में आयुष डॉक्टरों की मांग बढ़ेगी। अब विदेशों में भी भारत की प्राचीन विधा को अपनाया जा रहा है।
दक्षिण भारत में पंचकर्म विधा से इलाज के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। कार्यक्रम में राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला के अधीक्षक डॉ. प्रकाश चंद्रा ने बताया कि दवाओं के आधुनिकीकरण के लिए पहली बार औषधि प्रयोगशाला भवन बनाया जा रहा है। अभी तक यूनानी दवाओं की जांच भी इसी में होती थी लेकिन अब अलग व्यवस्था होने से जल्दी जांच होगी। अभी 130 आयुर्वेदिक दवाएं और 85 यूनानी दवाएं बनाई जाती हैं। सूबे में दो यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय व 254 राजकीय यूनानी चिकित्सालय हैं। कार्यक्रम में आयुष मिशन के निदेशक आरएन बाजपेई सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।