देहरादून। आयुर्वेदिक, सिद्धा और यूनानी दवाइयां बेचने के लिए भी अब रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी हो गया है। आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी चिकित्सा पद्धति की ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी ने दवा बिक्री के लिए पंजीकरण की अनिवार्यता पर सहमति जता दी है। ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में बदलाव के बाद दवा बिक्री के मानक बदल जाएंगे। आयुर्वेदिक, सिद्धा, यूनानी दवाइयों की बिक्री के लिए पंजीकरण की जरूरत अभी तक नहीं है। कोई भी दुकानदार इन दवाइयों को बेच सकता है। मगर, इससे दवाइयों की गुणवत्ता खराब के साथ ही निगरानी भी नहीं हो पा रही है। उत्तराखंड के साथ ही कई राज्यों ने इस पूरी व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एक्ट में बदलाव की मांग की थी। इस पर अब एएसयू ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी ने सहमति जता दी है। यह कमेटी जल्द इसका तकनीकी परीक्षण करेगी और फिर एक्ट में बदलाव किया जाएगा। आयुर्वेद विभाग के ड्रग कंट्रोलर डॉ. वाईएस रावत ने बताया कि उत्तराखंड की ओर से एएसयू की ड्रग कंसल्टेटिव कमेटी के सामने यह प्रस्ताव रखा गया था, जिस पर अब सहमति बन गई है।