वैशाली (बिहार)। वैशाली के दवा दुकानदारों नेअपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में दुकानदारों ने एक बैठक कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक के दौरान सरकार के गलत निर्णय की तीव्र आलोचना की तथा सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि सरकार के गलत निर्णय का दवा दुकानदार पुरजोर विरोध करेंगे। इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे। प्रथम चरण में 20 जुलाई से बिहार के सभी थोक दवा दुकानदार कंपनियों से खरीदना बंद कर देंगे। इसके बाद अगले चरण में 16 अगस्त से खुदरा दुकानदार भी कंपनियों से दवा खरीदना बंद कर देंगे। अगली कड़ी में 1 सितंबर से प्रदेश के सभी थोक एवं खुदरा दुकानदार अपनी दुकानों को अनिश्चितकालीन तक बंद रखेंगे। दुकानदारों ने सरकार को अपना अल्टीमेटम दे दिया है और कहा है कि इस दौरान किसी भी प्रकार की घटना घटती है तो दुकानदार इसके जिम्मेवार नहीं होंगे। संघ के सचिव राजू गुप्ता एवं अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि बिहार राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा दवा दुकानदारों को फार्मासिस्ट की उपलब्धि सुनिश्चित करने के नाम पर विभाग के पदाधिकारियों द्वारा शोषण एवं प्रताडि़त करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दवा दुकानों में निरीक्षण का उद्देश्य नकली एवं अवैध दवाओं की रोकथाम तथा दवाओं का उचित रख-रखाव एवं सही मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करना हो, न कि निरीक्षण के नाम पर तकनीकी गलती को मुद्दा बनाकर शोषण एवं प्रताडि़त करना हो। बैठक के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि बिहार में दवा दुकानों की संख्या में फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। दुकान के निरीक्षण के दौरान पकड़े जाने पर ड्रग एक्ट के आधार पर जुर्माना किया जाए न कि अफसरों की संतुष्टि के आधार पर।