नई दिल्ली। भारतीय कंपनियां दवा निर्माण में काफी हद तक चीन पर निर्भर है। देश में दवा निर्माण से जुड़े 75 फीसदी कच्चे माल या एक्टिव फार्मा इंग्रेडिएंट्स (एफपीआई) का आयात चीन से ही किया जा रहा है। फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2017-18 में चीन से 17,250 करोड़ रुपए के एफपीआई का आयात किया जबकि इस अवधि में भारत चीन को सिर्फ 1380 करोड़ रुपए की दवाई निर्यात कर सका। काउंसिल का कहना है कि चीनी उत्पाद की लागत कम होती है जिसका लाभ उन्हें मिलता है। पिछले दिनों चीन से आने वाले एफपीआई की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भारतीय दवा कंपनियों ने चीन से होने वाले आयात को जारी रखा है। 1990 के दशक में लाभदायक फार्मूलेशन पर ध्यान केंद्रित करने के बाद एफपीआई के घरेलू उत्पाद को बढ़ाने से चूक गया।