अम्बाला। दवा निर्माता से पहले स्टॉकिस्टशिप लेने की मारामारी, स्टॉकिस्टशिप लेते समय दोनों पक्षों में खूब सोच-विचार के पश्चात दवाओं का आदान प्रदान शुरू होता है, जिसमे एक्सपायरी पर भी सहमति बनती है कि कम्पनी बिना देरी के ब्रेकेज एक्सपायरी एडजस्ट कर देगी। इसके बावजूद आजकल कम्पनियां अपने करारों से भागती नजर आ रही हैं। हाल ही में एक मामला सामने आया कि होलसेलर ने एक्सपायरी दवा कम्पनी को वापस समय से भेज दी परन्तु दवा निर्माता ने लिखित रूप से यह कहकर सारा सामान लौटा दिया कि खरीदी प्रमाण दो। जब होलसेलर ने कम्पनी के डिपो और फील्ड स्टाफ से बात की तो पता चला कि 5&10 या 10&10 नहीं 2&10 या 3&10 भेजो तो हो जाएगा। ऐसा चौंकाने वाला जवाब जब खरीद के समय 10&10 या 1 पेटी मांगो तो बोलते या भेजते हैं 20&10 या 50&10 या 2 पेटी वापसी के समय 2 या 3 पत्ते होलसेलरों में इस बात को ले कर अत्यंत रोष व्याप्त है। मामला जिला के माध्यम से राष्ट्रीय कार्यालय तक समस्या पहुंचा दी है। यह भविष्य के गर्भ में है कि होलसेलर बहुमत वाली संस्था अपने सदस्यों को कितना जल्दी राहत दिलवाती है।