आगरा। नकली, नशीली और सैंपल की दवाओं का अवैध कारोबार वर्षों से यहां फल-फूल रहा है। दवा माफिया समय-समय पर पकड़े गए, मगर धंधा बंद नहीं हुआ। अब पुलिस इसकी जड़ों पर चोट करने की तैयारी कर रही है। एडीजी राजीव कृष्ण ने इस पर एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है। तीन मार्च को बैठक में वह एक्शन प्लान तैयार करेंगे। गैरतलब है कि आगरा से कई देशों में नशीली दवाओं के तस्करी की जाती है।
पिछले दिनों पंजाब पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए विक्की अरोड़ा से पूछताछ में यह मामला खुला था। इससे पहले नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम वर्ष 2005 में कमला नगर के एक डाक्टर और एमएम गेट क्षेत्र के दो भाइयों को गिरफ्तार कर चुकी है। उनका नेटवर्क भी विदेशों में फैला था। दरअसल फव्वारा बाजार में दवा का थोक कारोबार होता है। शहर में अलग-अलग इलाकों में भी दवा गोदाम बने हुए हैं। पिछले दिनों नकली, नशीली और सैंपल की दवाओं के अलग-अलग गैंग पकड़े गए। मुकदमा दर्जकर कुछ लोगों को जेल भेजने के बाद पुलिस ने काम खत्म मान लिया।
एडीजी राजीव कृष्ण अब पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कराने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने एसएसपी को पत्र भेजकर दवा के अवैध कारोबार और अब तक दवा माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है। पहले किस तरह से कारोबार चल रहा था, अब क्या बदलाव आया है। इसकी भी जानकारी मांगी है। तीन मार्च को जनपद के पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें दवा माफिया पर कार्रवाई का एक्शन प्लान तैयार होगा। एडीजी ने लोगों से भी अपील की है कि वे उन्हें सीयूजी नंबर या उनके ट्विटर हैंडल पर दवा के अवैध कारोबार के संबंध में सूचना दें।