लखनऊ। बासमंडी चौराहे के पास स्थित सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. जैन के क्लीनिक से लिए गए दवा के नमूनों में स्टेरॉयड की पुष्टि हुई है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने जांच रिपोर्ट आने पर आरोपी क्लीनिक संचालक को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। गौरतलब है कि दवाओं की गुणवत्ता को लेकर एफएसडीए ने क्लीनिक में छापा मारा था। इसमें गोली, कैप्सूल शामिल हैं। लाल-पीली गोली और कैप्सूल में न तो दवा निर्माण की तारीख दर्ज थी और न ही एक्सपायरी। दवा का निर्माण कहां हुआ, उसमें क्या रसायन और जड़ी बूटी मिलाई गई है, इसका भी पता नहीं चला। ड्रग इंस्पेक्टर माधुरी सिंह के मुताबिक कई नमूनों में स्टेरॉइड और एल्कोलाइड्स की पुष्टि हुई है।
दोष साबित होने पर आरोपी क्लीनिक संचालक पर नियमानुसार कार्रवाई होगी। डॉक्टरों का कहना है कि स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह है। लगातार इसके सेवन से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। दिल का दौरा भी पड़ सकता है और बीपी की समस्या या फिर नजर कमजोर होने जैसी दिक्कत पैदा हो जाती है। डॉ. पीयूष जैन ने बताया कि आयुर्वेद की औषधियों में चंद्रप्रभा वटी, शिलाजीत, लहसुन, अश्वगंधा, किवाच आदि और गंधक, पारद की कज्जली से बनने वाले रस, भस्म आदि में प्राकृतिक तौर पर एलकेलाइड या स्टेरॉयड पाए जाते हैं। इनका प्रयोग नुकसानदायक नहीं होता है। इससे मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही बल, वीर्य और शारीरिक क्षमता में भी वृद्धि होती है।