इंदौर। दवा विक्रेता NPC गठन के खिलाफ 1 जनवरी से देशभर में आंदोलन करेंगे। एआईओसीडी (ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स) ने NPC के गठन पर विरोध जताया है। संगठन आगामी 1 जनवरी से ‘हल्ला-बोल’ आंदोलन करेगा। इस बारे में इंदौर में एआईओसीडी की एक बैठक हुई। बैठक में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के स्थान पर केंद्र सरकार के राष्ट्रीय फार्मेसी आयोग (एनपीसी) के गठन का विरोध जताया गया। बैठक में देशभर में सडक़ों पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया है।

एनपीसी का विधेयक एकतरफ़ा मसौदा

फार्मास्युटिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन की सामान्य परिषद की बैठक में कहा गया कि एनपीसी के लिए प्रस्तावित विधेयक एकतरफ़ा मसौदा है। इसमें उन सामुदायिक फार्मासिस्टों की राय पर ध्यान नहीं दिया गया है, जिन्हें दवाओं की आवश्यकता वाली बड़ी संख्या में आबादी के साथ आमने-सामने संपर्क करना पड़ता है। ये सामुदायिक फार्मासिस्ट फार्मेसी पेशे में लगे डिप्लोमा या डिग्री योग्यता वाले पंजीकृत फार्मासिस्ट हैं।

पीसीआई वैधानिक निकाय : शिंदे 

बैठक में एनपीसी विधेयक के मसौदे के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश करते हुए एआईओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि पीसीआई देश में फार्मेसी पेशे को विनियमित करने के लिए वैधानिक निकाय है। इसकी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है। यदि मसौदा विधेयक अधिनियमित होता है तो यह राज्य फार्मेसी परिषदों की स्वायत्त स्थिति को समाप्त कर देगा। यह निर्वाचित सदस्यों के प्रतिनिधित्व के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से गठित और कार्य कर रही हैं। जबकि, प्रस्तावित विधेयक में सदस्यों को नामांकन द्वारा अनिवार्य किया गया है। वह भी केवल शैक्षणिक क्षेत्र से।
एआईओसीडी का कहना है कि ये प्रावधान परिषद में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित फार्मासिस्टों के बजाय नौकरशाही प्रशासन का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

सडक़ों पर उतरेंगे दवा विक्रेता

एआईओसीडी के अनुसार संभावित नौकरी सुरक्षा समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए केमिस्ट निकाय के सदस्यों द्वारा 1 जनवरी को सडक़ पर आंदोलन (हल्ला-बोल) आयोजित किया जाएगा। राष्ट्रीय फार्मेसी आयोग की स्थापना के साथ सामुदायिक फार्मासिस्टों को इसका सामना करना पड़ा। प्रत्येक राज्य में तालुक स्तर और जिला स्तर पर आंदोलन किये जायेंगे। सभी जोनल उपाध्यक्षों को प्रत्येक राज्य में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

ये रखेंगे कार्यक्रम पर निगरानी

दवा विक्रेता

शिंदे महाराष्ट्र्र सीडीए द्वारा आयोजित कार्यक्रम की निगरानी करेंगे। एआईओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल मध्य प्रदेश में कार्यक्रम पर ध्यान रखेंंगे। आयोजन सचिव संदीप नांगिया नई दिल्ली में आंदोलन में शामिल होंगे। इसी प्रकार वैजनाथ जगस्टे पुणे में आंदोलन का उद्घाटन करेंगे। एआईओसीडी के दक्षिण क्षेत्र के उपाध्यक्ष एएन मोहन को कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में कार्यक्रम की निगरानी का काम सौंपा गया है। तिरुवरूर जिला केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मन्नारगुडी रामचंद्रन ने कहा कि वह तंजौर जिले के कुंभकोणम में आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। एन नटराजन चेन्नई में कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।

ऑनलाइन फार्मेसी व्यवसाय का विरोध

राष्ट्रीय दवा व्यापारियों की सामान्य परिषद ने भी अवैध ऑनलाइन फार्मेसी व्यवसाय के खिलाफ स्पष्ट कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने का फैसला किया है। एआईओसीडी में महाराष्ट्र से ईसी सदस्य वैजनाथ जगस्टे के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एसोसिएशन को आश्वासन दिया है कि सरकार एआईओसीडी के 12 लाख सदस्यों की रक्षा करेगी। साथ ही बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों को देश में दवा व्यापार पर नियंत्रण नहीं करने देगी।

डिस्काउंट फार्मेसियों का विरोध किया

केरल के एएन मोहन ने डिस्काउंट फार्मेसियों के खिलाफ आम सभा में एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रस्ताव के अनुसार निर्माताओं से सीधे उत्पाद खरीदकर सभी दवाओं पर भारी छूट की पेशकश करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का कारोबार अनैतिक है। ऐसी फार्मेसियों को बाजार से बाहर करने के लिए कानूनी उपायों की जरूरत है। एजीएम ने प्रस्ताव पारित कर स्थापित दवा व्यापार पर इसके प्रभाव से सरकार को अवगत कराने का निर्णय लिया है।