बदायूं। औषधि विभाग ने एक दवा की स्ट्रिप पर मानक से ज्यादा एमआरपी लिखने के मामले में संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रण प्राधिकारी लखनऊ को लिखा है। औषधि विभाग ने निरीक्षण के दौरान कंपनी को डीपीसीओ- 2013 (ड्रग्स प्राइज कंट्रोल ऑर्डर-2013) का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। दवा की स्ट्रिप पर एनपीपीए (नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइजिंग अथॉरिटी) द्वारा जारी नोटिफिकेशन प्राइज से ज्यादा एमआरपी मुद्रित थी और वहीं ग्राहकों से ली जा रही थी।
गौरतलब है कि औषधि विभाग समय-समय पर मेडिकल स्टोर के निरीक्षण के साथ दवाओं की एमआरपी भी चेक करता है कि दवाएं एनपीपीए द्वारा जारी नोटिफिकेशन प्राइज से अधिक पर तो नहीं बेची जा रही हैं। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों में स्थित मेडिकल स्टोरों पर भी निरीक्षण करते हैं। पिछले दिनों विभाग की टीम को चेकिंग के दौरान सिपॉक्स-500 टेबलेट की स्ट्रिप पर जो एमआरपी निर्धारित मानक से ज्यादा मिली थी। औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार ने बताया कि हर दवा के लिए केंद्र सरकार की एनपीपीए द्वारा नोटिफिकेशन प्राइज जारी किया जाता है। चेकिंग के दौरान सिपॉक्स-500 की 10 टेबलेट की कीमत 70 रुपये मुद्रित मिली, जबकि यह मय टैक्स 37.10 रुपये होनी चाहिए। इसे डीपीसीओ-2013 का उल्लंघन मानते हुए औषधि अनुज्ञापन एवं नियंत्रक प्राधिकारी, लखनऊ से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।